कोरोना वॉरियर्स का अपने तरीके से आभार प्रकट करेंगी सशस्त्र सेनाएं, CDS जनरल बिपिन रावत ने दी जानकारी
सेना ने भरोसा दिलाया है कि कोरोना वायरस से लड़ने में सिविल एडमिनिस्ट्रेशन का पूरा सहयोग किया जाएगा. इसको लेकर शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनएसए अजीत डोवाल, सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक की.
नई दिल्ली: कोरोना वॉरियर्स का आभार प्रकट करने के लिए 3 मई यानी रविवार को वायुसेना के फाइटर जेट देशभर में एक खास फ्लाई-पास्ट आयोजित करेंगे. कोरोना वायरस से लड़ने वाले डॉक्टर्स, नर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ का धन्यवाद देने के लिए हेलीकॉप्टर अस्पतालों पर पुष्प-वर्षा भी करेंगे.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि कोरोना वॉरियर्स का धन्यवाद करने के लिए श्रीनगर से लेकर दक्षिणी-छोर, त्रिवेंद्रम और असम के डिब्रूगढ़ से लेकर गुजरात के कच्छ तक फ्लाई पास्ट किया जाएगा. इस फ्लाई पास्ट में वायुसेना के लड़ाकू विमान और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे. इसके अलावा जो अस्पताल खास तौर से कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं उनपर वायुसेना के हेलीकॉप्टर फूलों से बरसा करेंगे. सुबह 8 बजे से ही वायुसेना की ये कारवाई शुरू हो जाएगी.
इस प्रेस कांफ्रेंस में सीडीएस के साथ साथ थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद थे.
सीडीएस रावत ने कहा कि जिस तरह कोरोना महामारी की शुरूआत से ही हमारे देश के डॉक्टर्स, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, वैज्ञानिक और सेनिटेशन-वर्कर्स ने दिन-रात काम किया है वो काबिले-तारीफ है. साथ ही उन्होनें देशवासियों का भी आभार जताया जो इस मुश्किल घड़ी में सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं. यही वजह है कि तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) 'देशहित' में उनके पीछे खड़े हैं.
पुलिस की खास तारीफ करते हुए सीडीएस ने कहा कि ऐसा लगता नहीं है कि देश में सेना को तैनात किया जाएगा. रविवार को ही सेना पुलिस-मेमोरियल पर जाकर शहीद पुलिलकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी. सीडीएस नए लॉकडाउन के दौरान डिलवरी-बॉयज और मीडिया के काम को लेकर भी तारीफ की.
सीडीएस ने बताया कि रविवार को कोरोना-वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए नौसेना के सभी युद्धपोत समंदर में होंगे और सभी बंदरगाहों पर शाम के वक्त खास लाईटिंग की जाएगी. थलसेना भी सभी मिलिट्री हॉस्पिट्लस के बाहर बैंड-डिस्पले करेगी ताकि डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ का हौंसला बढ़ा जा सके.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से लड़ने में सशस्त्र सेनाएं भी सबसे आगे हैं. चीन में फंसें भारतीयों के लिए पहला क्वरन्टीन सेंटर थलसेना ने ही मानेसर में तैयार किया था (दूसरा आईटीबीपी का छावला में था). उसके बाद ईरान, जापान और इटली से आए भारतीयों के लिए भी सेना ने जोधपुर, जैसलमेर, हिंडन, मुंबई में क्वरन्टीन सेंटर बनाए हैं. इसके अलावा राजधानी दिल्ली के नरेला सेंटर को दिन के वक्त सेना के डॉक्टर्स ही संभालते हैं.
सेना ने भरोसा दिलाया है कि कोरोना वायरस से लड़ने में सिविल एडमिनिस्ट्रेशन का पूरा सहयोग किया जाएगा. इसको लेकर शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनएसए अजीत डोवाल, सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक की.