नई दिल्ली: देश में कोरोना से लड़ने के लिए अब सेना और रक्षा संस्थान भी युद्धस्तर पर जुट गए हैं. इस बाबत मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेनाओं और सभी रक्षा संस्थानों को राज्य-सरकारों को कोरोना के खिलाफ हर संभव मदद करने का आदेश दिया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बड़ी बैठक आयोजित की. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत, सेना के तीनों अंगों (थलसेना वायुसेना और नौसेना) के प्रमुख, रक्षा मंत्रालय के सभी सचिव, डीआरडीओ प्रमुख, ओएफबी (ऑर्डेनेंस फैक्ट्री बोर्ड) और डिफेंस पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
डीआरडीओ कोविड हॉस्पिटल: बैठक में बताया गया कि आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस (एएफएमएस) की मदद से डीआरडीओ राजधानी दिल्ली और लखनऊ के अलावा अहमदाबाद, पटना और वाराणसी में कोविड अस्पताल स्थापित करेगी. राजधानी दिल्ली में सरदार पटेल कोविड आर्मी हॉस्पिटल में जो भी 250 बेड हैं, उनकी संख्या जल्द से जल्द बढ़ाकर 500 की जाएगी. लखनऊ में 450 बेड का अस्पताल होगा, जबकि वाराणसी में 750 और अहमदाबाद में 900 बेड का हॉस्पिटल होगा. पटना में भी 500 बेड का अस्पताल शुरू कर दिया गया है.
सेना के बड़े अधिकारी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से रहेंगे संपर्क में: बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेनाओं को राज्य सरकारों से संपर्क में रहकर कोरोना के खिलाफ हर संभव मदद करने का आदेश दिया. हर राज्य में सेना के वरिष्ठ कमांडर मुख्यमंत्रियों से संपर्क में रहेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर सेना के संसाधन और सैनिकों का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ किया जा सके.
ऑक्सीजन सिलेंडर: बैठक में डीआरडीओ, ओएफबी और सभी डिफेंस पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) को राज्य सरकारों को ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों में बेड मुहैया कराने का आदेश दिया गया.
एलसीए तेजस की तकनीक से ऑक्सीजन सप्लाई: स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए तेजस में जिस ऑक्सीजन पैदा करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, उसे प्राईवेट इंडस्ट्री को सौंप दिया गया है. इस तकनीक से एक मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है. बैठक में जानकारी दी गई कि यूपी सरकार ने इस तरह के पांच (05) प्लांट का ऑर्डर किया है.
सैनिकों के लिए एसपीओटू तकनीक अब मिलेगी मार्केट में: बैठक में रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ को आदेश दिया कि हाई-ऑल्टिट्यूड इलाकों में तैनात सैनिकों की एसपीओटू तकनीक को अब खुले बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा.
वेटरन और एनसीसी: बैठक के दौरान सुझाव दिया गया कि सेना से रिटायर हुए वे पूर्व-सैनिक (वेटरन्स) जिन्हें कोविड वैक्सीन दी जा चुकी है, वे राज्य सरकारों की कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में मदद कर सकते हैं. इसी तरह से एनसीसी कैडेट्स भी स्थानीय प्रशासन की कोविड के खिलाफ तैयारियों में मदद कर सकते हैं.
सेना में कोविड प्रोटोकॉल: रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि सेना में भी कोविड प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू किया जाए. सभी सैनिक मास्क लगाएं और सोशल-डिस्टेंशिंग का भी पालन करें.