बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट के ट्रांसफर को लेकर हो रहे विवाद पर सेना ने क्या कहा?
हाल ही में दिल्ली स्थित सेना के बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट मेजर जनरल वासु वर्धन का तबादला दिल्ली के आरएंडआर यानि रिर्सच एंड रेफरेल हॉस्पिटल में कर दिया गया था. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर पूर्व-सैनिकों ने मोर्चा खोल दिया है.
नई दिल्ली: कोरोना पर मची हाहाकार के बीच सेना के दिल्ली स्थित बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट के ट्रांसफर को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. सोशल मीडिया पर पूर्व-सैनिकों ने सेना और रक्षा मंत्रालय के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है. लेकिन सेना ने एक बार फिर गुरूवार को सफाई देते हुए कहा कि कमांडेंट ने अपना 18 महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया था और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के हायर प्लान के लिए उनका तबादला किया गया है.
दरअसल, इसी हफ्ते बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट, मेजर जनरल वासु वर्धन का तबादला दिल्ली के ही आरएंडआर यानि रिर्सच एंड रेफरेल हॉस्पिटल कर दिया गया था. सेना के मुताबिक, कमांडेंट ने अपना 18 महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया था. इसलिए ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के हायर प्लान के लिए उनका तबादला किया गया है. मेजर जनरल एसके सिंह अब बेस ह़ॉस्पिटल के नए कमांडेंट होंगे जो इससे पहले लखनऊ में तैनात थे.
लेकिन कमांडेंट के तबादले को लेकर सोशल मीडिया पर पूर्व-सैनिकों ने मोर्चा खोल दिया है. सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट सामने आने लगी जिसमें कहा जा रहा है कि कमांडेंट का तबादल इसलिए किया गया है क्योंकि उन्होनें रक्षा मंत्रालय के अधिकारी का गैर-कानूनी आदेश मानने से इंकार कर दिया था. लेकिन सेना के सूत्रों ने उन अफवाहों का पूरी तरह खंडन किया है.
सेना के मुताबिक, बेस हॉस्पिटल के कमांडेंट, मेजर जनरल वर्धन इसी साल अगस्त में रिटायर रहे हैं. इसके अलावा हॉस्पिटल के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर संदीप थरेजा भी अब प्रोमोशन पाकर मेजर-जनरल बन गए हैं और उनका भी मेजर-जनरल वर्धन के रिटायरमेंट के साथ ही ट्रांसफर होना है. ऐसे समय में जब आने वाले समय में बेस हॉस्पिटल में कोविड मरीजों का आना जारी रह सकता है, एक साथ दो सीनियर-ऑफिसर्स का एक साथ छोड़कर जाना हॉस्पिटल के हित में नहीं था. इसीलिए, मेजर जनरल का वर्धन तबादला कर मेजर जनरल एस के सिंह को अस्पताल की कमान सौंपी गई है.
सेना के मुताबिक, मेजर-जनरल वर्धन खुद प्लमोनोजिस्ट होने के चलते अस्पताल के प्रशासन के साथ-साथ कोविड-मरीजों का इलाज भी कर रहे थे. इसके अलावा उनके घर में हाल ही में एक मौत भी हुई थी. ऐसे में बेहद जरूरी था कि मेजर-जनरल को तनाव-मुक्त रिटायरमेंट बेहद जरूरी था, जो मानव संसाधन के लिहाज से बेहद जरूरी है.
आपको बता दें कि दिल्ली स्थित बेस हॉस्पिटल को सेना ने कोविड हॉस्पिटल बनाया है. अस्पताल में करीब 750 ऑक्सीजन बेड हैं और 35 आईसीयू बेड्स हैं. पिछले कुछ समय से बेस हॉस्पिटल किसी ना किसी कारण से विवादों में घिरा हुआ है. कभी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने की खबर आती है, तो कभी बिना इलाज के रिटायर ब्रिगेडियर की मौत की खबर आई थी. एक रिटायर कर्नल ने तो हॉस्पिटल की बदतइंतजामी को लेकर सोशल मीडिया पर ऑडियो तक वायरल कर दिया था.