नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी-एनपीआर के मुद्दे पर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्षी दल प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील कर रहे हैं. इसी बीच आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नेता वो नहीं होते हैं जो लोगों को गलत दिशा में ले जाते हैं.


आर्मी चीफ ने कहा, ''नेता वो होते हैं जो लोगों को सही दिशा में ले जाते हैं. विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे हिंसा बढ़ रही है. ये लीडरशिप नहीं है.''






आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि आर्मी चीफ का यह बयान मोदी सरकार को ही कमजोर कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वेबसाइट पर लिखा है कि एक छात्र के तौर पर उन्होंने आपातकाल के दौरान प्रदर्शन किया था. उन्होंने कहा कि आर्मी चीफ के बयान के मुताबिक पीएम मोदी का वह प्रदर्शन करना भी गलता है.


बता दें कि आर्मी चीफ बिपिन रावत 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं. उन्होंने यह बयान दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दिए. इससे पहे प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एलान किया था कि देश में अब थल, जल और वायु सेना के ऊपर चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ का पद होगा. अब सरकार ने इस पद को कुछ दिनों पहले ही मंजूरी भी दे दी है. ऐसे में चर्चा है कि बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ हो सकते हैं.


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आर्मी चीफ बिपिन रावत का बयान