नई दिल्ली: भारत के सेना प्रमुख बिपिन रावत ने तालिबान पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने तालिबान के साथ बातचीत का समर्थन किया है. लेकिन इसके लिए उन्होंने ये शर्त रखी है कि अगर तालिबान अफगानिस्तान में लंबी शांति के लिए तैयार है तभी ये बातचीत होनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद और इससे जुड़ी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया पर कुछ पाबंदियां लगाने की भी बात कही.


जनरल रावत ने कहा कि अमेरिका और रूस के अफगानिस्तान में तालिबान के साथ बताचीत के बीच कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमारे अफगानिस्तान में हित हैं, हम बातचीत से दूर नहीं हो सकते." उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के मामले में ये बात लागू नहीं हो सकती. राज्य में बातचीत हमारी शर्तों पर होनी चाहिए."  सेना प्रमुख ने कहा कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते हैं और ये जम्मू और कश्मीर पर भी लागू होता है.


सेना प्रमुख ने ये भी कहा कि सेना ने चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर बेहतर तरीके से स्थिति को संभाला है और चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए. रावत ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति को और सुधारने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में शांति के लिए हम केवल समन्वयक हैं.’’ जनरल रावत ने कहा, ‘‘हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति बेहतर तरीके से संभाली है.’’ उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं होनी चाहिए.

सेना प्रमुख ने ये भी कहा कि आतंकवाद ने एक नए किस्म की युद्ध कला का रूप ले लिया है और ये कई सिरों वाले दानव की तरह बढ़ता चला जाएगा. पाकिस्तान पर अप्रत्क्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ये तब तक बंद नहीं होगा जब तक देश इसे अपनी राज्य नीति के तौर पर इस्तेमाल करना बंद नहीं करते. पाक पर अप्रत्यक्ष हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि कुछ कमज़ोर देश इसका इस्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि वो अन्य देशों को अपनी बातें मनवा सकें.


कल रायसीना डायलॉग में बोलते हुए उन्होंने कहा, "तालिबान से तभी बात होनी चाहिए जब वो पहले से कोई शर्त नहीं रखते हैं. वहीं, उन्हें अफगानिस्तान में लंबी शांति के लिए भी तैयार होने होगा. ये हामरे, क्षेत्र और पाकिस्तान के हित में है. हम सब स्थिरता चाहते हैं." हालांकि, उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अपने आंगन की तरह इस्तेमाल किया है और वहां की अस्थिरता का हमेशा फायदा उठाने की कोशिश की है.


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