सेना प्रमुख बोले- आतंकवाद और प्रॉक्सी-वॉर के खिलाफ कर सकते हैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल
बिपिन रावत ने आज कहा कि आज के दौर में हम अपने सैनिकों को सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगा सकते, लेकिन वे किस तरह इसका इस्तेमाल करते हैं इसके बारे में उन्हें सिखा जरूर सकते हैं.
नई दिल्ली: सेना प्रमुख बिपिन रावत ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है. बिपिन रावत ने कहा है कि हम आतंकवाद और प्रॉक्सी-वॉर के खिलाफ सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमने इसका उपयोग नहीं किया तो हमारे दुश्मन इसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ कर सकते हैं.
सेना प्रमुख ने बताया कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सेना मुख्यालय में एक स्टडी-ग्रुप काम कर रहा है जो बताएगा कि क्या इसके लिए अलग से एक विंग होनी चाहिए. क्योंकि फिलहाल सेना की मीडिया यूनिट, एडीजीपीआई ही सोशल मीडिया का कार्यभार संभालती है. साथ ही डीजीएमओ कार्यालय में भी एक एडीजी रैंक का अधिकारी इंफो-वॉरफेयर का काम संभालता है. जरूरत पड़ी तो इनदोनों को मिलाकर एक यूनिट बनाई जायेगी जिसका मुखिया एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होगा.
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि आज के दौर में हम अपने सैनिकों को सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगा सकते, लेकिन वे किस तरह इसका इस्तेमाल करते हैं इसके बारे में उन्हें सिखा जरूर सकते हैं. थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि सोशल मीडिया इतनी तेज से दुनिया में फैल जायेगा इसका हमें अनुमान तक नहीं था. लेकिन अगर हम इसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाए तो हमारी स्थिति आग लगने के बाद बुझाने वाली रह जायेगी.
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जनरल बिपिन रावत आज राजधानी दिल्ली में 'सोशल मीडिया और सशस्त्रबल' नाम के सम्मेलन में बोल रहे थे. इस मौके पर उन्होनें कहा कि हम अपनी छावनियों में सैनिकों को सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं लेकिन फिर वह अपने घर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसलिए हमें ऐसे ऑर्डर देने चाहिए जिन्हें लागू किया जा सके.
आपको बता दें कि हाल में सोशल मीडिया पर सैनिकों के कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए थे जिसमें वे सेवादारी प्रथा और अपने अधिकारियों की शिकायत कर रहे थे. इसके बाद सेना की कुछ फील्ड यूनिट्स ने सैनिकों के स्मार्ट फोन पर रोक लगा दी थी.
सेना प्रमुख ने कहा कि आफस्पा राज्यों में सैनिकों पर जो एफआईआर हो रही हैं, उसे सेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय देख रहा है. उनका जवाब इस सवाल पर था कि सेना के करीब 750 कार्यरत अधिकारी और जवान इन एफआईआर के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं. मेजर लीतुल गोगाई के खिलाफ चल रही जांच पर उन्होनें कहा कि कानून अपना काम करेगा और इस तरह के किसी भी मामले से सख्ती से निपटा जायेगा.
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