सेना जो कम्युनिकेशन सिस्टम इस्तेमाल करती हैं वे कॉम्प्रोमाइज हो सकते हैं: थलसेना प्रमुख
जनरल रावत के मुताबिक, कम्युनिकेशन सिस्टम किसी भी ऑपरेशन की प्लानिंग का अहम हिस्सा होती है, अगर प्लानिंग की गोपनीयता दुश्मन को पता चल जाए तो कोई प्लान पूरा नहीं हो पायेगा.
नई दिल्ली: भारत की सेनाएं जो कम्युनिकेशन सिस्टम इस्तेमाल करती हैं उसमें आसानी से सेंध लगाई जा सकती है. ये ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) जो कम्युनिकेशन सिस्टम इस्तेमाल करती हैं वे विदेशी हैं. ऐसे में भारत जल्द ही अपना कम्युनिकेशन सिस्टम और नेटवर्क इजाद करने में जुट गया है ताकि युद्ध के समय में भारत की रणनीति का खुलासा दुश्मन को ना हो सके.
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज राजधानी दिल्ली में खुलासा किया कि भारत की सेनाएं जो कम्युनिकेशन सिस्टम इस्तेमाल करती हैं वे कॉम्प्रोमाइज हो सकते हैं. थलसेनाध्यक्ष के मुताबिक, युद्ध की परस्थिति में ये बेहद ही खतरनाक है. जनरल रावत आज राजधानी दिल्ली में डेफकॉम नाम के एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. इस सेमिनार को थलसेना की सिग्नल कोर और एसआईडीएम यानि सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चर्स ने आयोजित किया था. इस सेमिनार का मकसद डिफेंस इंडस्ट्री को सेनाओं की कम्युनिकेशन सिस्टम से जुड़ी जरूरतों को बताना था. इस सम्मलेन में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक भी मौजूद थे.
जनरल रावत के मुताबिक, कम्युनिकेशन सिस्टम किसी भी ऑपरेशन की प्लानिंग का अहम हिस्सा होती है, अगर प्लानिंग की गोपनीयता दुश्मन को पता चल जाए तो कोई प्लान पूरा नहीं हो पायेगा. थलेसना प्रमुख ने कहा कि भारत की सेनाएं अब एकीकरण की तरफ बढ़ रही हैं. ऐसे में थलसेना, वायुसेना और नौसेना को एक ही कम्युनिकेशन सिस्टम के जरिए काम करना होगा. इसलिए थलसेना की सिग्नल कोर तीनों सेनाओं के लिए काम करेगी और स्वदेशी कम्युनिकेशन नेटवर्क भी तलाश करेगी ताकि सेनाओं से जुड़ी अहम जानकारियां लीक ना हो सकें.
इस मौके पर बोलते हुए रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के सीडीएस के पद को बनाए जाने के ऐलान को जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा ताकि तीनों सेनाओं में बेहतर समन्वय हो सके. इसके लिए तीनों सेनाओं का कम्युनिकेशन सिस्टम एक ही होगा.
आपको बता दें कि अभी सरहद और एलओसी पर सैनिक जो रेडियो फ्रीकवंसी पर काम करते हैं वो कभी कभी दुश्मन की पकड़ में आ जाती है. यहां ये बात भी दीगर है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन जब भारत और पाकिस्तान की वायुसेनाओं के बीच में डॉगफाइट हुई थी उस दौरान विंग कमांडर अभिनंदन के मिग21 फाइटर जेट का रेडियो सिग्नल जाम हो गया था. माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने चीन की टेक्नोलोजी की मदद से विंग कमांडर अभिनंदन का ये रेडियो सिग्नल जाम कर दिया था जिसके चलते अभिनंदन का ग्राउंट स्टाफ से संपर्क टूट गया था. ऐसे में भारत को सेक्योर-कम्युनिकेशन की सख्त जरूरत है.