आतंकी ठिकानों पर भारत के प्रहार के बाद झूठ के सहारे पाकिस्तान, सेना ने कई आतंकी कैंप किए तबाह
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को कहा कि भारी हथियारों से पीओके में नीलम घाटी में चार आतंकी कैंप और कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया.
नई दिल्ली: बालाकोट एयर स्ट्राइक के करीब आठ महीने बाद भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के करीब 10 सैन्य जवानों और उतने ही आतंकियों को ढेर कर दिया. सेना का ये ऑपरेशन बदले की कार्रवाई के तहत किया गया. यहां ध्यान रहे कि बालाकोट एयर स्ट्राइक की तरह भारतीय सेना ने सीमा पार तो नहीं किया. लेकिन अपनी सीमा में रहकर आर्टिलरी गन से सुरक्षा बलों ने अथमुकाम, कुडल शाही और जुरा में आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर दिया.
दरअसल, पाकिस्तानी रेंजर्स ने रविवार की सुबह उकसावे वाली कार्रवाई की. तंगधार सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में सेना के दो जवान शहीद हो गए और एक नागरिक की भी गोली लगने से मौत हो गई. जिसके बाद भारतीय जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी गई है.
'पाकिस्तानी रेंजर्स और आतंकवादी ढेर' भारतीय सेना ने रविवार को भारी हथियारों से पीओके में नीलम घाटी में चार आतंकी कैंप और कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया. सेना प्रमुख ने कहा, “अब तक, हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक छह से 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और करीब इतने ही आतंकवादी ढेर हुए हैं.” उन्होंने कहा कि कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों के बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है.
उन्होंने कहा, “तीन आतंकवादी शिविर नष्ट किये गए हैं और चौथे शिविर को भी हमने काफी नुकसान पहुंचाया है.” सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘इन कैंपों के बारे में हमारे पास सूचना थी जिसे हमने निशाना बनाया और उनका समर्थन करने वाले लोग, पाकिस्तानी चौकियां भी हमारी जवाबी कार्रवाई की जद में आए. ’’
'आतंकियों की घुसपैठ के लिए करते हैं गोलीबारी' सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान अगर ऐसी गतिविधियां जारी रखेगा तो भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई से नहीं हिचकिचाएगी. जनरल रावत ने कहा कि हाल में सेना को सूचना मिली थी कि आतंकवादी अग्रिम इलाके में कैंप के करीब आ रहे हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले एक महीने में गुरेज, केरन, माचिल सेक्टरों और पीर पंजाल के दक्षिण में बार-बार घुसपैठ की कोशिशें की गईं. पाकिस्तानी सैनिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने के लिए संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘त्यौहार का मौसम आने वाला है, दीपावली नजदीक है. ऐसे में हमें संकेत मिला था कि पीर पंजाल के उत्तर में कुछ आतंकी कैंप सक्रिय हैं. आतंकवादी इन कैंपों में आए थे और वे घुसपैठ करने वाले थे.’’ रावत ने कहा, ‘‘शनिवार शाम को तंगधार में घुसपैठ कराने की कोशिश हुई थी, जहां हमने जवाबी कार्रवाई की. पाकिस्तान ने चौकी पर भी गोलीबारी की, जिसमें हमें नुकसान हुआ. हमारे दो जवान शहीद हो गए और एक नागरिक की भी मौत हो गयी.’’ हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ शहीद हुए हैं.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ वे घुसपैठ करने का प्रयास करते इससे पहले ही हमने आतंकी कैंपों को निशाना बनाने का फैसला किया. हमारे पास ठोस सूचना थी और जवाबी कार्रवाई में हमारे सुरक्षा बलों ने (एलओसी के) उस पार आतंकियों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया.’’
जवाबी कार्रवाई पर सेना प्रमुख ने कहा कि अब दूसरी तरफ खामोशी छायी है क्योंकि एलओसी के पार से हमें मोबाइल संचार के संकेत नहीं मिले हैं. इसका तात्पर्य हताहत, नुकसान से है, पाकिस्तान सेना इसे सामने नहीं लाना चाहती. उन्होंने कहा, ‘‘वे इसका जिक्र नहीं करेंगे या इस नुकसान के बारे में नहीं कहेंगे क्योंकि दुनिया को पता चल जाएगा कि (पाकिस्तान ने) आतंकवादी कृत्यों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया . वे ढंकने का प्रयास कर रहे हैं . निश्चित तौर पर, हमें सूचना मिलने पर हम आपको और तथ्य देंगे.’’
पाकिस्तान का झूठ पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता, मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत की इस बड़ी कारवाई के बाद ट्वीट करना शुरू कर दिया कि भारत के नौ सैनिक मारे गए हैं और भारतीय सेना सफेद फ्लैग दिखाकर सैनिकों के शव उठाने की गुजारिश की है. लेकिन भारतीय सेना ने इन सभी दावों को एक सिरे से खारिज कर दिया.
पाकिस्तानी सेना ने ये जरूर माना कि भारत की फायरिंग में उसका एक सैनिक मारा गया है और पांच नागरिक मारे गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, जिन्हें पाकिस्तानी सेना आम नागरिक बता रही है वे आतंकी हो सकते हैं. पाकिस्तान ने अपने फॉरवर्ड एरिया में जहां आतंकी कैंपों और लांच पैड्स को तबाह किया गया है वहां इंटरनेट बंद कर दिया है. एलओसी पर जो टेलीफोन कंपनी, एससीओ ऑपरेट करती है उसे पाकिस्तानी सेना ही चलाती है.