पाकिस्तान पर नए थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरावणे ने साधा निशाना, कहा- आतंकवाद पड़ोसी देश की नीति
नए थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरावणे ने कहा कि जहां तक पड़ोसी देश की बात है वह आतंकवाद को हमारे खिलाफ राज्य के नीति के उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह लंबे समय तक नहीं चल सकता.
नई दिल्ली: जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने आज देश के नए थल सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला है. पूर्व सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें कमान सौंपी. जनरल नरावणे ने कहा कि आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या है, भारत लंबे समय से आतंकवाद का सामना कर रहा है. अब पूरी दुनिया में आतंकवाद से प्रभावित कई देश महसूस कर रहे हैं कि यह कितना खतरनाक है.
वहीं पाकिस्तान का बिना नाम लिए हुए उन्होंने कहा, ''जहां तक हमारे पड़ोसी का संबंध है, वे हमारे खिलाफ प्रॉक्सी वार करने के एक तरीके के रूप में आतंकवाद को राज्य नीति के उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, यह अवस्था लंबे समय तक नहीं चल सकती, क्योंकि आप सभी लोगों को, हर समय मूर्ख नहीं बना सकते.''
Army Chief: As far as our neighbour is concerned they are trying to use terrorism as tool of state policy, as a way of carrying out proxy war against us. While maintaining deniability. However, this state can't last long, as they say you can't fool all the people, all the time. https://t.co/17W0oLmntU pic.twitter.com/GFMi4zYwcv
— ANI (@ANI) December 31, 2019
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''युद्धविराम उल्लंघन हैं. कई बार युद्धविराम उल्लंघन किया गया है, हम जानते हैं कि विभिन्न लॉन्चपैड्स पर दूसरी तरफ आतंकवादी हैं, जो सीमा पार करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हम इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.''
वहीं धारा 370 निरस्त होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ''धारा 370 खत्म होने के बाद स्थिति में निश्चित सुधार हुआ है. हिंसा की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है. यह जम्मू और कश्मीर की आबादी के लिए बहुत अच्छा है. यह क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने की दिशा में उठा हुआ कदम है.''
एमएम नरवाणे सेना में शौर्य और समर्पण के लिए, परम विशिष्ठ सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित हैं. 39 साल की गौरवमयी सेवा के बाद मनोज मुकुंद नरवाणे आज भारतीय थल सेना के शिखर पर पहुंचे हैं.
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