नई दिल्ली: दिल्ली कैंट में बनने जा रहे नए 'थलसेना भवन' में एक अंडरग्राउंड स्टेट ऑफ द आर्ट वॉर-रूम होगा. करीब 39 एकड़ में फैला ये आर्मी हेडक्वार्टर देश की सैन्य ताकत को शो-केस करेगा. थलसेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने आज कहा कि इस नए थलसेना भवन में राजधानी दिल्ली में अलग अलग जगह बिखरे सेना मुख्यालय के दफ्तरों को एक छत के नीचे आ जाएंगे, जिससे सेना की कार्य-कुशलता में सुधार होगा. जनरल नरवाणे के मुताबिक एक एकीरकण आर्मी हेडक्वार्टर, कार्बन फुटप्रिंट और लॉजिस्टिक आवश्यकताओं को कम करने का काम करेगा.
सेना मुख्यालय के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के मुताबिक थलसेना भवन में करीब साढ़े सात लाख (7.5) लाख वर्ग मीटर की एक बहुमंजिला इमारत होगी. जिसमें 1684 सैन्य- अधिकारियों के दफ्तर होंगे. जहां छह हजार से ज्यादा सैनिक और सिविलयन स्टाफ कार्यरत होगा. अधिकारी के मुताबिक ये थलसेना इतना भव्य होगा कि दुनिया को इसे देखकर भारत की सैन्य ताकत का अंदाजा लग जाएगा.
जैसा कि एबीपी न्यूज ने सबसे पहले बुधवार को बताया था कि नए थलसेना भवन में सेना प्रमुख के सेक्रेटेरिएट के साथ साथ साउथ ब्लॉक स्थित डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स), एमएस (मिलिट्री सेक्रेटरी) ब्रांच, एडज्युटेंट ब्रांच (एजी ब्रांच), इत्यादि भी यहां शिफ्ट हो जाएंगे. इस बिल्डिंग में अंडरग्राउंड ऑप्स रूम यानि वॉर-रूम सबसे खास होगा. सेना की सभी ऑपरेशनल प्लान इसी वॉर रूम में तैयार किए जाएंगे. यहां तक की सैंकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर भी युद्ध के मैदान की सीधी तस्वीरें देश की मिलिट्री-लीडरशिप यहां रियल टाइम में देख सकेगी.
अभी तक साऊथ ब्लॉक में सेना का वॉर रूम है, लेकिन क्योंकि रायसीना हिल स्थित नार्थ और साउथ ब्लॉक में सरकार म्यूजियम बनाने जा रही है इसलिए आर्मी हेडक्वार्टर दिल्ली कैंट में मानकेशॉ सेंटर के ठीक सामने 5/1 गोरखा रेजीमेंट सेंटर में बनाया जा रहा है.
मौजूदा समय में आर्मी हेडक्वार्टर राजधानी दिल्ली में आठ जगहों से ऑपरेट होता है. पहला है साउथ ब्लॉक, जहां रक्षा मंत्रालय में थलसेना प्रमुख और दूसरे बड़े सैन्य अधिकारियों के दफ्तर हैं. इसके अलावा कामराज मार्ग स्थित सेना भवन में जहां एमजीओ ब्रांच, इंफेंट्री, आर्टेलेरी के डायरेक्टरेट्स हैं. इसके अलावा कुछ दफ्तर, दिल्ली कैंट, कश्मीर हाउस, आरकेपुरम और शंकर विहार में हैं. माना जा रहा है कि राजधानी दिल्ली में करीब 44 प्रतिशत सैन्य आफिसर्स के अपने ऑफिस तक नहीं हैं. कुछ अधिकारियों के दफ्तर तो डलहौजी रोड (औरंगजेब मार्ग) पर हट्स में चलते हैं जिसके कारण इन्हें हटमंट्स एरिया तक बोला जाता है.
सेना मुख्यालय के मुताबिक थलसेना भवन अगले पांच साल में बनकर तैयार हो जाएगा और इसमें पर्यावरण का खास ध्यान देते हुए सभी ग्रीन-नार्मस को फॉलो किया जाएगा. आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के खास मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को इस नए थलसेना भवन की भूमि-पूजन के साथ नींव रखेंगे.
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