Army Chief Manoj Pande: 'सियासी मकसद के लिए संघर्ष की तरफ लौट रही दुनिया', डिफेंस समिट में बोले आर्मी चीफ मनोज पांडे
Indian Army: आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने की जरूरत पर बल दिया है. साथ ही यह भी कहा कि उन क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए जहां निरंतर प्रगति की जरूरत है.
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Army Chief General Manoj Pande: देश के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि दुनिया में तेजी के साथ बड़े स्तर पर बदलाव हो रहे है. भू-राजनीतिक मकसद के चलते देशों की ओर से सख्त रूख भी अपनाया हुआ है जोकि संघर्ष की ओर लौटती दिखती है. उधर, भारत भी दुनिया में हो रहे बदलावों के बीच लगातार आगे बढ़ रहा हैं. देश का डिफेंस सेक्टर भी तेजी के साथ तरक्की कर रहा हैं और कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन रहा है.
एनडीटीवी के रक्षा शिखर सम्मेलन में सेना अध्यक्ष जनरल पांडे ने स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण, अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग, विदेश निवेश, डिफेंस कॉरिडोर निर्माण से लेकर रूस-यूक्रेन संघर्ष का भी जिक्र करते हुए तमाम मुद्दों खुलकर बात की है.
जनरल मनोज पांडे ने यह भी कहा कि अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही यह भी कहा कि हमें उन क्षेत्रों पर खास ध्यान देने कर आवश्यकता है जहां निरंतर प्रगति की जरूरत है.
'युद्ध के समय स्वदेशी आत्मनिर्भरता रखती है खास मायने'
मनोज पांडे ने रक्षा विनिर्माण और हथियारों की खरीद में आत्मनिर्भरता के लिए सरकारों की तरफ से किए जा रहे प्रयासों का भी सम्मेलन में प्रमुखता से जिक्र किया. स्वदेशीकरण से सशक्तीकरण की दिशा में किए जा रहे कार्यों को लेकर उन्होंने कहा कि किसी भी युद्ध में अपने आप को मजबूत बनाए रखने के लिए किसी भी देश के स्वदेशी रक्षा उद्योग खास मायने रखते हैं. उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान सप्लाई चेन में हुई दिक्कतों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे समय में स्वदेशी आत्मनिर्भरता की बेहद आवश्यकता होती है.
'तकनीक के आधुनिक विकास से बदल रहा युद्ध का स्वरूप'
सम्मेलन में सेना अध्यक्ष जनरल पांडे ने कहा कि स्वदेशीकरण के लिए सभी क्षेत्रों को अहम निभाने की खास जरूरत है. मुख्य क्षमताओं को विकसित करना आवश्यक है. उन्होंने मंच से इस बात को भी प्रमुखता के साथ रखा कि तकनीक के आधुनिक विकास से युद्ध और उसके खतरों का स्वरूप बदल रहा है. युद्ध के बदलते स्वरूप और साइबर वॉर ने तकनीक के साथ-साथ सुरक्षा के विकास पर ध्यान आकर्षित किया है.
आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि सेना को मजबूत बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे उपायों को सेना में लागू करने की आवश्यकता है. हम रक्षा क्षेत्र में इन उपायों को लागू करने का काम कर रहे हैं.
'दुनिया की एक बड़ी थल सेना है, भारतीय सेना'
उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि भारतीय सेना, दुनिया की एक बड़ी थल सेना है. जिसको आधुनिक ताकत से लैस करने की जरूरत है. जिससे की भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए यह तैयार हो सके. उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि भारतीय सेना को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि वो हर किसी हालात में अपने आप को सक्षम साबित कर सके. इस सबके साथ ही उसको सेना को भविष्य के लिए तैयार करने का काम किया जा रहा है.
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