दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे 4-6 नवंबर तक नेपाल की दौरे पर जाएंगे. इस दौरान वे प्रधानमंत्री (और रक्षा मंत्री) के पी ओली सहित नेपाली समकक्ष, जनरल पूरन चंद थापा से मुलाकात करेंगे. साथ ही नेपाली सेना के आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में स्टूडेंट-ऑफिसर्स को संबोधित भी करेंगे.


काठमांडू पहुंचने पर उन्हें नेपाली सेना के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। खास बात ये है कि नेपाल की राष्ट्रपति, बिंदिया देवी भंडारी थलसेना प्रमुख को नेपाली सेना के ऑनोरेरी-जनरल के रैंक से नवाजेंगी. जनरल नरवणे नेपाली सेना के प्रमुख के आमंत्रण पर काठमांडू के दौरे पर जा रहे हैं. वे नेपाली सेना के वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे. अगले महीने थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे जाएंगे नेपाल के दौरे पर.


नेपाल के किये जारी नक्शे के बाद भारत से संबंधों में आई थी दरार


आपको बता दें, नेपाल के नए नक्शे जारी करने के बाद भारत से संबंधों में दरार आ गई थी. नेपाल ने चीन सीमा से सटे ट्राई-जंक्शन पर उत्तराखंड के कालापानी और लिपूलेख विवादित इलाके को अपने अधिकार-क्षेत्र में दिखाया था. जिसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल पैदा हो गया था. इसके बाद से भारत की तरफ से नेपाल का ये पहला महत्वपूर्ण दौरा होगा.


जनरल नरवणे ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि चीन के इशारे पर नेपाल भारत-विरोधी बातें कर रहा है. थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे अगले महीने की शुरूआत में नेपाल के दौरे पर जाएंगे. नेपाल में उन्हें नेपाली सेना के ‘हॉनोरेरी जनरल’ के रैंक से नवाजा जाएगा. थलसेनाध्क्ष का ये दौरान ऐसे समय में होने जा रहा है जब दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों में पिछले छह महीने से तनाव बना हुआ है.


नंवबर के पहले हफ्ते में जा सकते है थलसेना प्रमुख


नेपाली सेना के प्रवक्ता, ब्रिगेडियर एस बी पौदयाल ने बयान जारी कर कहा कि नेपाल सरकार ने इस साल 3 फरवरी को भारत के थलसेना प्रमुख की नेपाल यात्रा की मंजूरी दे दी थी, लेकिन दोनों देशों में लॉकडॉउन के चलते इस स्थगित कर दिया गया था. लेकिन अब जनरल मनोज मुकुंद नरवणे नवंबर के महीने में नेपाल के दौरे पर आएंगे (हालांकि, अभी तारीख तय नहीं हुई है कि ये दौरा कब से कब तक होगा लेकिन माना जा रहा है कि नवंबर के पहले हफ्ते में जाएंगे).


ब्रिगेडियर पौदयाल के मुताबिक, नेपाल दौरे के दौरान नेपाली राष्ट्रपति श्रीमती विद्या देवी भंडारी एक अंलकृण समारोह में जनरल नरवणे को नेपाली सेना के ‘हॉनोरेरी-जनरल’ का रैंक प्रदान करेंगी. आपको बता दें कि आजादी के बाद से ही भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच सैन्य परंपरा रही है कि दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सेनाध्यक्ष को हॉनोरेरी-जनरल की रैंक दी जाती है. जिस तरह से जनरल नरवणे को हॉनोरेरी-जनरल की रैंक दी जाएगी उसी तरह से नेपाली सेना के प्रमुख को भी भारतीय सेना के हॉनेरेरी-जनरल की रैंक प्रदान की जाती है.


नेपाल ने लिपूलेख और उससे सटे कालापानी इलाके पर अपना अधिकार जताता है


आपको बता दें कि मई के महीने में भारत के कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में धारचूला से लिपूलेख दर्रे तक नए सड़क के निर्माण से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था. ये इलाका भारत-चीन और नेपाल के ट्राई-जंक्शन पर स्थित है. नेपाल भी लिपूलेख और उससे सटे कालापानी इलाके पर अपना अधिकार जताता आया है. इस विवादित इलाके को लेकर दोनों देशों के बीच में राजनयिक स्तर पर बातचीत भी होती आई है.


लेकिन नेपाल की कम्युनिस्ट-सरकार ने आनन-फानन में एक नया मैप (नक्शा) जारी कर लिपूलेख और कालापानी इलाके को अपने अधिकार-क्षेत्र में दिखा दिया था, जिससे दोनों देशों के संबंधों में दरार आ गई थी. इस बीच जनरल नरवणे ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि कि नेपाल किसी दूसरे देश के बहकावे में आकर भारत विरोधी बातें कर रहा है. उनका इशारा सीधे तौर से चीन की तरफ था. क्योंकि उसी समय पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के खिलाफ टकराव शुरू हुआ था. लेकिन अब जनरल नरवणे के दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध एक बार फिर पटरी पर लौटने की उम्मीद है.


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