नई दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे अगले महीने (नवंबर) नेपाल की यात्रा पर जाएंगे. बताया जा रहा है कि उन्हें वहां नेपाल की सेना का 'ऑनरेरी चीफ' नियुक्त किया जाएगा. जैसा कि दोनों देशों की परंपरा रही है.
नेपाल के लिपूलेख-कालापानी का नया मैप जारी होने के बाद भारत की तरफ से पहली महत्वपूर्ण यात्रा है नेपाल की. दरअसल, साल 1950 से इस सम्मान की शुरुआत हुई थी. भारत भी लगातार नेपाल सेना प्रमुख को सम्मान देता रहा है. वहीं, पिछले कुछ महीनो सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर इस साल इस परंपरा को अहम तरीके से देखा जा रहा है.
जनरल नरवणे नेपाल प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा से करेंगे मुलाकात
अधिकारियों ने बताया कि अभी तारीक तो तय नहीं है लेकिन जनरल नरवणे नवंबर में नेपाल का दौरा करेंगे. उन्होंने बताया कि वो इस दौरे में वहां के सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा से मुलाकात करेंगे. साथ ही रक्षा मंत्री समेत नेपाली सेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरे में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और ज्यादा मजबूत बनाने पर ध्यान दिया जाएगा.
सड़क को लेकर आपत्ति जताने के पीछे किसी 'अन्य देश' का हाथ- नरवणे
आपको बता दें, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़े जाने वाले 80 किलोमीटर रास्ते का उद्घाटन किया था. जिस पर नेपाल ने ऐतराज जताया था. नेपाल ने कहा था कि ये बनायी गई सड़क उनकी सीमा से होते गुजर रही है. जिसको भारत ने साफ इंकार कर दिया था. जिसके बाद नेपाल ने नया नक्शा जारी करते हुए लिपुलेख, कालापानी, लिम्पियाधुरा को अपना हिस्सा दिखाया था, जिसको लेकर दोनो देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था.
वहीं, जनरल नरवणे ने बयान जारी करते हुए चीन को इसके पीछे की वजह बता दी थी. उन्होंने कहा था कि पूरी संभावना है कि सड़क पर नेपाल की तरफ से ऐतराज जताने के पीछ किसी ‘अन्य देश’ का हाथ है.
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