सेना प्रमुख MM Naravane ने कहा- Pakistan की ओर से 350-400 आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए तैयार
सेना प्रमुख एमएम नरवणे (MM Naravane) ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से 350-400 आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमारी नीति आतंकवाद के प्रति 'जीरो टोलरेंस' है
Manoj Mukund Naravane On Terrorist: थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) के साथ भले ही युद्धविराम (Ceasefire) समझौता हो चुका हो लेकिन अभी भी एलओसी (LoC) पर पाकिस्तान की तरफ 350-400 आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए तैयार बैठा है. जनरल नरवणे ने कहा कि आतंकियों की इतनी बड़ी तादात पाकिस्तान के नापाक इरादों को उजागर करती है.
सेना दिवस (15 जनवरी) से पहले थलसेना प्रमुख बुधवार को सालाना प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होनें कहा कि पिछले साल यानि फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच एलओसी पर युद्धविराम समझौते को लेकर दोनों देशों के लिए फायदा रहा है और लंबे समय तक शांति रही है. एलओसी पर सिवाए दो युद्धविराम की उल्लंघन की घटनाओं को छोड़कर शांति रही है.
हालांकि, थलसेना प्रमुख ने यह भी साफ किया कि एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ अलग-अलग लॉन्च पैड पर 350-400 आतंकी अभी भी मौजूद है जो लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. इससे पाकिस्तान के गलत इरादों के बारे में पता चलता है. जनरल नरवणे ने कहा कि भारत की आतंकवाद के प्रति 'जीरो टोलरेंस' नीति रही है.
उन्होंने कहा कि अगर आतंकवाद को भारत पर थोपने की कोशिश हुई तो इसकी बड़ी कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी. एलओसी और बॉर्डर पर ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर थलसेना प्रमुख ने कहा कि इनका इस्तेमाल हथियारों की स्मगलिंग और लॉजिस्टिक के लिए ज्यादा किया जा रहा है.
एक सवाल के जवाब में थलसेना प्रमुख ने कहा कि सियाचिन ग्लेशियर का 'डिमिलिट्राइजेशन' तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि पाकिस्तान एनजे-9842 प्वॉइंट से परे एजीपीएल यानि एक्चुयल ग्राउंड पोजिशनिंग लाइन को नहीं स्वीकार करता है और उसके लिए लिखित में साइन नहीं करता है.
जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर थलसेना प्रमुख ने संतोष जताया. उन्होनें कहा कि आतंकी संगठनों की ओर से नए-नए नामों से शांति भंग करने की कोशिश नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि गैर-कश्मीरियों, मजदूरों और अल्पसंख्यकों की हत्याओं की कोशिशों को सुरक्षाबल ने कामयाब नहीं होने दिया गया है.
उत्तर-पूर्व के राज्यों के हालात को लेकर थलसेना प्रमुख ने कहा कि वहा हालात सुधर रहे हैं और सेना की तैनाती कम की जा रही है. जनरल नरवणे के मुताबिक, उत्तर पूर्व के राज्यों से सेना की दो डिवीजन (एक डिवीजन में 15-20 हजार सैनिक होते हैं) हटाकर चीन से सटी सीमा पर भेजा जा रहा है. उन्होनें कहा कि सेना की जगह म्यांमार सीमा पर असम राईफल्स की संख्या बढ़ाई जा रही है.
पिछले साल 4 नवंबर को नागालैंड में सेना की पैरा-एसएफ यूनिट के हाथों मारे गए 13 आम नागरिकों की मौत पर खेद जताते हुए थलसेना प्रमुख ने कहा कि सेना और राज्य सरकार दोनों की ही जांच जारी है. उन्होनें वादा किया कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ देश के कानून के अनुसार कारवाई की जाएगी.
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