Army Chief on Agnipath Scheme: थल सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल मनोज पांडे (Manoj Pande) ने शुक्रवार को कहा कि ‘अग्निपथ’ (Agnipath) योजना के तहत 2022 के लिए आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने का निर्णय उन युवाओं को अवसर प्रदान करेगा, जो सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिछले दो साल से कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा नहीं कर पाए. जनरल पांडे ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए उम्र में एकबारगी छूट देने के सरकार के फैसले के बाद भर्ती प्रक्रिया की घोषणा जल्द की जाएगी. आर्मी चीफ मनोज पांडे ने बताया है कि दो दिन के बाद ही नोटिफिकेशनhttp://joinindianarmy.nic.in पर जारी कर दिया जाएगा.


थल सेना प्रमुख (Army Chief) ने आकांक्षी युवाओं से सेना में ‘अग्निवीर’ के रूप में शामिल होने के अवसर का लाभ उठाने का भी आह्वान किया. सेना प्रमुख ने एक बयान में कहा कि योजना के तहत 2022 के भर्ती चक्र के लिए प्रवेश आयु को बढ़ाकर 23 वर्ष करने की एक बार दी जाने वाली छूट संबंधी सरकार का निर्णय सेना को मिल गया है. उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय हमारे उन कई ऊर्जावान और देशभक्त युवाओं को एक अवसर प्रदान करेगा, जो कोविड-19 के बावजूद भर्ती की प्रक्रिया में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे और यह प्रक्रिया पिछले दो साल में कोविड प्रतिबंधों के कारण पूरी नहीं हो सकी.’


23 साल हो गई है उम्र


सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए घोषित ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध के बीच, सरकार ने बृहस्पतिवार को इस प्रक्रिया के तहत 2022 के लिए भर्ती की उम्र पूर्व में घोषित 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी. सरकार ने रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष उम्र के युवाओं की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी और बाद में केवल 25 प्रतिशत को नियमित किया जाएगा. इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा.


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विपक्ष कर रहा आलोचना


उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, उत्तराखंड और झारखंड सहित कई राज्यों में नयी योजना के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं. कई विपक्षी राजनीतिक दलों और बड़ी संख्या में सैन्य विशेषज्ञों ने भी इस योजना की आलोचना करते हुए कहा कि इससे सशस्त्र बलों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. योजना की घोषणा के बाद सेना ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप एक जवान की औसत आयु एक समय बाद 32 से कम होकर 26 वर्ष हो जाएगी. तीनों सेना प्रमुखों ने भी इस योजना का पूरा समर्थन किया है.


इतनी होगी अग्निवीरों की सैलरी


रोज़गार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30 हज़ार रुपये होगा और हाथ में 21 हज़ार रुपये आएं, क्योंकि नौ हज़ार रुपये सरकार के बराबर योगदान के साथ एक कोष में जाएंगे. इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33 हज़ार रुपये, 36 हज़ार 500 रुपये और 40 हज़ार रुपये होगा. प्रत्येक 'अग्निवीर' को 'सेवा निधि पैकेज' के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इसे आयकर से छूट दी जाएगी. नयी योजना के तहत चार साल के कार्यकाल में लगभग ढाई महीने से छह महीने की प्रशिक्षण अवधि शामिल होगी.


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