General Manoj Pande Manipur Visit: थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्थिति की समीक्षा के लिए शनिवार (27 मई) को राज्य की यात्रा करेंगे. सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता भी सेना प्रमुख की दो दिवसीय यात्रा के दौरान उनके साथ होंगे.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि में जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए जनरल पांडे और लेफ्टिनेंट जनरल कलिता दिल्ली से इम्फाल पहुंचेंगे. उन्होंने कहा, "पांडे राज्यपाल अनुसुइया उइके, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा करेंगे."
तीन मई को मणिपुर में फैली हिंसा
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें हुई थीं. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासी, नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.
मणिपुर में हुए इस जातीय संघर्ष में 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी और पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए लगभग 10,000 सैन्य और अर्ध-सैन्य कर्मियों को तैनात करना पड़ा था.
जमीनी हालात का जायजा लेंगे सेना प्रमुख
अधिकारियों ने कहा कि सेना और असम राइफल्स ने संवेदनशील और सीमांत इलाकों पर कब्जा कर स्थिति को शांत करने के लिए 135 कॉलम तैनात किए हैं. एक कॉलम में करीब 100 जवान होते हैं. सेना ने एक बयान में कहा, ''सेना प्रमुख विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे, जहां वह स्थानीय फॉर्मेशन कमांडरों और सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे और जमीनी हालात का जायजा लेंगे.''
इस हिंसा के कारण मणिपुर में हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है, जिन्होंने पड़ोसी जिलों में शरण ली है. हिंसा में 70 से ज्यादा लोगों की जान गई है और 30,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और 200 से अधिक घायल हो गए हैं.