India China Tension : तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले महीने झड़प के बाद अरुणाचल प्रदेश के पहले दौरे में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा की. अधिकारियों ने कहा कि जनरल पांडे ने रविवार को अपनी यात्रा के दौरान शेष अरुणाचल प्रदेश (आरएएलपी) में चीन के साथ वास्तविक सीमा के साथ-साथ रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कुछ अन्य चौकियों का दौरा किया.
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में वरिष्ठ कमांडरों ने सेना प्रमुख को सीमावर्ती क्षेत्रों में समग्र सुरक्षा परिदृश्य के बारे में जानकारी दी. सेना ने ट्वीट किया, ‘‘जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर तैनात सैन्य व्यूह रचना, टुकड़ियों का जायजा लिया और उन्हें परिचालन तैयारियों और सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई. सेना प्रमुख ने सैनिकों को कड़ी निगरानी बनाए रखने के लिए बधाई दी और सभी से समान उत्साह तथा समर्पण के साथ काम करना जारी रखने का आह्वान किया.’’
जनरल मनोज पांडे ने दौरे किए
शनिवार को जनरल मनोज पांडे ने कोलकाता में पूर्वी सेना कमान के मुख्यालय के दौरे के दौरान अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में एलएसी पर सैन्य तैयारियों की समीक्षा की. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी से लगे एक क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के छह सप्ताह बाद जनरल पांडे ने महत्वपूर्ण कमान का दौरा किया. पूर्वी कमान अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम सेक्टर में एलएसी की देखभाल करती है.
झड़प के बाद तनाव पैदा हुआ
नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में और तनाव पैदा हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 दिसंबर को संसद में कहा था कि चीनी सैनिकों ने यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को ‘‘एकतरफा’’ बदलने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने अपनी दृढ़ और मजबूत प्रतिक्रिया से उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया.
पर्याप्त रूप से सैनिकों को तैनात किया गया है
जनरल पांडे ने 12 जनवरी को कहा था कि चीन के साथ सीमा पर स्थिति ‘‘स्थिर’’ लेकिन ‘‘अप्रत्याशित’’ है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से भारतीय सैनिकों को तैनात किया गया है. पूर्वी लद्दाख के अलावा, भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में एलएसी के साथ बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने एलएसी के साथ-साथ पूर्वी क्षेत्र में भी अपनी परिचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है.
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