भारत-चीन सीमा विवाद पर आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने कहा- पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने को लेकर आशावान
जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के तौर-तरीकों पर वार्ता कर रहे हैं. वह उम्मीद करते हैं कि भारतीय सेना और चीनी सेना तनाव कम करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचने में सफल होंगी.
नई दिल्लीः थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि भारतीय सेना और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में विवाद वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाने और तनाव कम करने के लिए किसी समझौते पर पहुंचने में सफल होंगी.
नरवणे ने एक सेमिनार में कहा कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के तौर-तरीकों पर वार्ता कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी ऐसे समझौते पर पहुंचने को लेकर आशावान हैं जो पारस्परिक रूप से स्वीकार्य हो और वास्तविक रूप से लाभकारी हो.’’
सीडीएस रावत ने कुछ दिन पहले चेताया था चीन को राजधानी दिल्ली में कुछ दिन पहले एक बेविनार को संबोधित करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल रावत ने दो टूक शब्दों में कहा था कि एलएसी पर 'हालात तनावपूर्ण' बने हुए हैं और चीन के साथ "युद्ध की संभावनाएं तो नहीं दिखाई पड़ती हैं लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सीमा-विवाद, घुसपैठ और बिना उकसावे के (चीन की) सैन्य-कारवाई कभी भी किसी बड़े कन्फिलक्ट (हिंसक संघर्ष) में तब्दील हो सकती है."
जनरल रावत के अनुसार, भारत की कड़े जवाब के चलते चीन को अपने "मिसएडवेंचर का खामियाजा भुगतना पड़ा है." सीडीएस का इशारा मई के महीने में एलएसी पर शुरूआती घुसपैठ और गलवान घाटी में चीनी सेना को हुए बड़े नुकसान और पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण की कैलाश रेंज (रेचिन ला, मुखपरी, गुरंग और मगर हिल) पर भारत के अधिकार को लेकर थी.
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