LAC: एलएसी पर चीन से चल रहे तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख के दौरे पर गए थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को रेजांगला युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान जनरल नरवणे पूर्वी लद्दाख से सटी चीन सीमा (एलएसी) पर भारतीय सेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों का जायजा ले रहे हैं.


सर्दियों के मौसम से पहले थलसेना प्रमुख का ये दौरा बेहद अहम


जनरल एमएम नरवणे ने अपने दौरे के पहले दिन पूर्वी लद्दाख में 'फॉरवर्ड' इलाकों का दौरा किया‌. इस दौरान फील्ड कमांडर्स ने उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और ऑपरेशन्ल तैयारियों की जानकारी दी.  थलसेना प्रमुख ने भी सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी दृढ़ता और उच्च मनोबल के लिए सराहना की. पूर्वी लद्दाख में सर्दियों के मौसम से पहले थलसेना प्रमुख का ये दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.




जनरल नरवणे ने पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर में रेजांगला युद्ध स्मारक का भी दौरा किया और राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान भले ही भारत को मुंह की खानी पड़ी हो लेकिन रेजांगला के युद्ध में भारतीय सेना की कुमाउं रेजीमेंट के सैनिकों ने चीनी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे.


रेजांगला की लड़ाई में शहीद हो गए थे मेजर शैतान सिंह


रेजांगला की लड़ाई में अदम्य साहस और वीरता के लिए भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत परमवीर चक्र से नवाजा गया था. लड़ाई के बाद मेजर शैतान सिंह के पार्थिव शरीर को जब युद्धस्थल से उठाया गया था तो उनकी उंगली अपनी राइफल के ट्रिगर पर थी. यानि मरते दम तक वे चीनी सैनिकों से लोहा लेते रहे थे. कहा जाता है कि रेजांगला की लड़ाई में चीन के खिलाफ लड़ते हुए मेजर शैतान सिंह और उनके सभी साथियों का एम्युनेशन यानि गोलियां और गोला-बारूद खत्म हो गया था.


पिछले साल यानि 2020 में जब भारत और चीन का एलएसी पर तनाव एक बार फिर से शुरू हुआ था तो भारतीय सेना ने चीन के खिलाफ इसी चुशूल सेक्टर के रेचिन ला दर्रा सहित कैलाश हिल रेंज पर 'प्री-एम्टिव स्ट्राइक' कर  चीन की पीएलए सेना के छक्के छुड़ा दिए थे. इस प्री-एम्टीव स्ट्राइक का ही नतीजा था कि चीनी सेना फिंगर एरिया से पीछे हटने के लिए तैयार हुई थी.




रक्षा सचिव अजय कुमार भी लेह-लद्दाख के दौरे पर


बता दें कि इन दिनों रक्षा सचिव अजय कुमार भी लेह-लद्दाख के दौरे पर हैं. इस‌ दौरान रक्षा सचिव ने केंद्र शासित प्रदेश को बीआरओ की पांच नई सड़कों की सौगात दी. ये सड़कें लद्दाख के दूरस्थ, तुरतुक, पैंगोंग-त्सो लेक, दारचिक, श्योक वैली, बटालिक और खलसर जैसे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में मदद करेंगी. ये सड़कें लेह-लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ साथ सेना की तेज मूवमेंट में मददगार साबित होंगी.


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