नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर शांति-समझौते के 100वें दिन होने के मौके पर खुद थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे जम्मू-कश्मीर में मौजूद रहेंगे. बुधवार को थल सेनाध्यक्ष दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर जा रहे हैं. इस दौरान वह एलओसी के हालात की समीक्षा के साथ-साथ भारतीय सेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों का भी जायजा लेंगे.


बता दें कि इसी साल 25 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स के बीच सीजफायर एग्रीमेंट हुआ था. इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं लाइन ऑफ कंट्रोल यानि एलओसी पर शांति बनाकर रखेंगी यानी फायरिंग और गोलाबारी नहीं करेंगी. अगर सैनिक ऐसा करते भी हैं तो दोनों देशों की सेनाओं के स्थानीय कमांडर्स बातचीत से मामले को सुलझाएंगे. इस समझौते के बाद से एलओसी पर ना तो कोई फायरिंग की घटना सामने आई है और ना ही कोई गोलाबारी. हालांकि, जम्मू से सटे अंतर्राष्ट्रीय सीमा (इंटरनेशनल बाउंड्री यानि आईबी) पर जरूर छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं.


एलओसी से सटे हुए इलाकों पर पाकिस्तानी सेना की तैनाती मजबूत
भारतीय सेना के सूत्रों की मानें तो भले ही पाकिस्तान की तरफ से पिछले तीन महीने में कोई युद्धविराम का उल्लंन नहीं हुआ है, लेकिन इस तरह की रिपोर्ट्स जरूर आ रही हैं कि पाकिस्तानी सेना एलओसी से सटे हुए इलाकों में अपनी तैनाती मजबूत कर रही है. पिछले हफ्ते ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था जिससे पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना एलओसी पर फिलीस्तीन के आतंकी संगठन हमास जैसी साजिशें रच रही है. इस वीडियो से साफ पता चलता है कि पाकिस्तानी सेना पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एलओसी से सटे रिहायशी इलाकों में अपने कैंप और बंकर बना रही है. रिहायशी इलाकों में इस तरह के कैंप और छावनी बनाने का एक ही मकसद है कि विपरीत परिस्थितियों में अगर दोनों देशों की सेनाओं के बीच फायरिंग या गोलाबारी हो तो उसमें भारतीय फायरिंग में पाकिस्तानी (पीओके) के नागरिक हताहत हों और फिर इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत को बदनाम करने के लिए उछाला जाए.


इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ की कुछ सैटेलाइट इमेज भी सामने आई हैं जिसमें पाकिस्तानी सेना नीलम घाटी में एलओसी से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक खास ‘सीटिंग’ करती हुई देखी गई है. हालांकि इस तरह की सीटिंग का अभी साफ कारण सामने नहीं आया है. लेकिन माना जा रहा है कि कमांडर के दौरे के दौरान पाकिस्तानी सैनिक यहां इस तरह बैठे होंगे.


घाटी के भीतर आतंकी घटनाओं में तेजी आने की आशंका
यही वजह है कि खुद थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे एलओसी के दौरे पर गए हैं. इस दौरान वह सेना के टॉप कमांडर्स के साथ-साथ फील्ड-कमांडर्स से बातचीत करेंगे और ऑपरेशन्ल तैयारियों का जायजा लेंगे. जनरल नरवणे काउंटर-टेरेरिज्म और काउंटर इनसर्जेंसी यानि सीआई-सीटी ऑप्स की समीक्षा भी करेंगे. क्योंकि पिछले एक-डेढ़ साल में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में तो जरूरत कमी आई है. लेकिन हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया है. ऐसे में एलओसी पर आतंकी घुसपैठ के साथ-साथ घाटी के भीतर भी आतंकी घटनाओं में तेजी आने की आशंका है.


थलसेना प्रमुख जम्मू-कश्मीर में सेना के कोविड-वॉरियर्स से भी मुलाकात करेंगे और कोरोना के खिलाफ जंग की तैयारियों का भी रिव्यू करेंगे.


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