नई दिल्ली: सेना प्रमुख एम एम नरवणे सऊदी अरब दौरे पर हैं, रविवार को उन्होंने सऊदी अरब के शीर्ष कमांडर फैयाद बिन हामिद रुवैली से मुलाकात की. इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच आपसी हित और सैन्य सहयोग पर चर्चा हुई. ये पहला मौका है, जब किसी सेना प्रमुख ने यूएई और सऊदी अरब का दौरा किया है. इससे पहले सेना प्रमुख ने UAE का दौरा किया था.


भारतीय सेना ने ट्वीट किया कि थल सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को ‘रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेज’ के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जनरल नरवणे ने जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल-मुतीर के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.


सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है और खाड़ी क्षेत्र में वह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण देश है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच समग्र सामरिक संबंधों में घनिष्टता आयी है. दोनों देशों के बढ़ते संबंधों के तहत सऊदी अरब ने पिछले साल भारत में पेट्रोकेमिकल, बुनियादी ढांचे और खनन सहित विभिन्न क्षेत्रों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की थी.



एक अन्य महत्वपूर्ण कदम में, पिछले साल दोनों देशों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी परिषद की स्थापना करने का फैसला किया था. थल सेनाध्यक्ष का सऊदी अरब के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय जाने और संस्थान में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है.


सेना प्रमुख बुधवार को दोनों देशों के दौरे पर रवाना हुए थे. उससे पहले सेना ने कहा कि जनरल नरवणे विभिन्न रक्षा संबंधी मुद्दों पर सुरक्षा प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर सऊदी अरब और भारत के बीच उत्कृष्ट रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाएंगे. . सऊदी अरब ऊर्जा का भी एक प्रमुख स्रोत है और भारत कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 18 प्रतिशत वहीं से आयात करता है.


सऊदी सेना के जनरल फय्याद बिन हामिद अल-रूवैली ने रविवार को अपने कार्यालय में जनरल नरवणे की अगवानी की. जनरल नरवणे ने सऊदी अरब के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान साझा हितों और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.


इससे पहले जनरल नरवणे ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया, जहां उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के कमांडर मेजर जनरल सालेह मोहम्मद सालेह अल अमेरी के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और आपसी हितों के मुद्दों पर विचार विमर्श किया.