नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख पहुंच गए हैं. वह यहां चीनी सेना के साथ चल रहे छह हफ्ते के गतिरोध पर तैनात कमांडरों के साथ चर्चा करेंगे. सैन्य सूत्रों ने बताया कि सैन्य प्रमुख अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे और वहां तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे. जनरल नरवणे का यह दौरा गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने और सीमा पर तनाव बढ़ने के एक हफ्ते बाद हो रहा है.
गलवान घाटी में हुई हिंसा की समीक्षा
इससे पहले भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच सोमवार को करीब 11 घंटे लंबी मैराथन बैठक चली. हालांकि, देर रात तक ये साफ नहीं हुआ कि मीटिंग का नतीजा क्या रहा, लेकिन माना जा रहा है कि भारत ने चीन से एलएसी पर स्टेट्स क्यों बनाए रखने पर जोर दिया. दोनों देशों के कोर कमांडर्स के बीच ये दूसरी बड़ी बैठक थी. पहली बैठक 6 जून के हुई थी. ये मीटिंग इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद हो रही थी.
मीटिंग में भारत ने लद्दाख से सटी एलएसी पर स्टेट्स क्यों यानि मई महीने के शुरूआत वाली परिस्थितियों पर जाने पर जोर दिया. माना जा रहा है कि मीटिंग में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का मुद्दा भी पुरजोर से उठा. हालांकिं जिस पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) नंबर 14 पर ये हिंसक संघर्ष हुई थी वहां से सैनिक डिसइंगेज हो गए हैं लेकिन गलवान के दूसरे पीपी पॉइंट पर अभी भी फेसऑफ बना हुआ है. गलवान घाटी में हुई हिंसा की समीक्षा भी की गई और इस बात पर चर्चा हुई कि भविष्य में ऐसी घटना ना दोहराई जाएं.
चीन ने भारत के निर्माण कार्यों का विरोध किया. लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि भारत अपने अधिकार-क्षेत्र में सड़क इत्यादि का काम कर रहा है इससे चीन को आपत्ति नहीं होने चाहिए. दोनों देशों के कमांडर्स ने भारत और चीन के बीच सीमा पर हुईं संधियों पर भी लंबी चर्चा हुई.
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