(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indian Army Day: 'सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है', आर्मी डे पर थलसेना प्रमुख ने दिलाया भरोसा
Army Day: देश के पहले कमांडर-इन-चीफ, फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा (करियप्पा) को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल थलसेना दिवस कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है.
Army Day: भारतीय सेना के 75वें स्थापना दिवस के मौके पर थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने देश को भरोसा दिलाया कि चीन से सटी LAC हो या जम्मू कश्मीर में टारगेट-किलिंग, सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने पहली बार राजधानी दिल्ली से बाहर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में अपना स्थापना दिवस मनाया. इस दौरान सैनिकों को संबोधित करते हुए थलसेना प्रमुख ने कहा कि नॉर्दन बॉर्डर (यानि चीन से सटी एलएसी) पर हमारी सेना को एक मजबूत पकड़ है. हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. जनरल पांडे ने कहा कि पाकिस्तान से सटी एलओसी पर शांति कायम है लेकिन एलओसी के दूसरी तरफ आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी मौजूद है.
चुनौती से निपटने के लिए तैयार है सेना
सेना प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ नए आतंकी संगठन अपनी 'प्रेजेंस' के लिए टारगेट-किलिंग कर रहे हैं. लेकिन सेना दूसरे सुरक्षाबलों के साथ मिलकर इस चुनौती से निपटने के लिए भी तैयार है. पंजाब और जम्मू कश्मीर से सटी सीमा पर ड्रोन की घटनाएं देखने को मिल रही है ताकि ड्रग्स की स्मगलिंग की जा सके. इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर लगाए गए हैं.
भारतीय सेना का 75वां स्थापना दिवस पहली बार राजधानी दिल्ली से बाहर बेंगलुरू में मनाया जा रहा है. रविवार को बेंगलुरू के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप (एमईजी) सेंटर में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की मौजूदगी में विशेष परेड का आयोजन किया गया. इस दौरान जनरल पांडे ने सैनिकों को संबोधित करने के साथ साथ बहादुर सैनिकों को सम्मानित भी किया. इस दौरान वायुसेना के लड़ाई विमान और ड्रोन्स का फ्लाई पास्ट भी किया गया.
पहली बार दिल्ली से बाहर मनाया जा रहा थलसेना दिवस
देश के पहले कमांडर-इन-चीफ, फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा (करियप्पा) को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल थलसेना दिवस कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है. हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना अपना स्थापना दिवस मनाती है क्योकि इसी दिन 1949 में पहली बार फील्ड मार्शल करियप्पा के तौर पर किसी भारतीय कमांडर ने सेना की कमान संभाली थी.
फील्ड मार्शल करियप्पा भारत के पहले कमांडर इन चीफ के साथ-साथ पैतृक रूप से कर्नाटक के ही रहने वाले थे. बाद में जनरल करियप्पा को फील्ड मार्शल की रैंक से नवाजा गया था, जो भारतीय सेना की सबसे बड़ी रैंक है. जनरल करियप्पा के अलावा जनरल सैम मानेकशॉ को ही इस रैंक से अब तक नवाजा गया है.
खास बात ये है कि रविवार शाम को ही बेंगलुरू में 'शौर्य संध्या' नाम का एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे. बेंगलुरू के एएससी सेंटर में 'शौर्य संध्या' का आयोजन किया गया है. इसमें भारतीय सेना की ताकत का नमूना पेश किया जाएगा. इस दौरान एसटीआईई, होर्स-ड्रिल, कॉम्बेट-ड्रिल और अनआर्म्ड कॉम्बेट का प्रदर्शन किया जाएगा. इसी हफ्ते थलसेना प्रमुख ने घोषणा की थी कि सेना में सभी सैनिकों के लिए अब अनआर्म्ड कॉम्बेट अनिवार्य कर दिया गया है.
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