चीन का पक्का इलाज क्या है? दिल्ली के साउथ ब्लॉक में चल रही है सेना कमांडर्स की बैठक
बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने आज दिल्ली में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की. अब कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे चरण के लिए सभी कमांडर राष्ट्रीय राजधानी में हैं और बैठक जारी है.
नई दिल्ली: चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर जारी तनातनी के बीच अब दिल्ली के साउथ ब्लॉक में सेना कमांडर्स की बैठक चल रही है. अब इसमें इस बात की चर्चा की जाएगी कि आखिर चीन का इलाज क्या है. बता दें कि इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने आज दिल्ली में सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की. अब कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे चरण के लिए सभी कमांडर राष्ट्रीय राजधानी में हैं और बैठक जारी है.
सेना के कमांडरों की कॉन्फ्रेंस एसीसी-20 (ACC-20) आज और कल यानी 22 और 23 जून को हो रही है. इस दौरान उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर परिचालन की स्थिति की समीक्षा की जाएगी.
Army chief General MM Naravane discussing the security situation with the top Army commanders in Delhi today. All commanders are in the national capital for the second phase of the commanders’ conference: Army officials pic.twitter.com/JfO6Nzytcv
— ANI (@ANI) June 22, 2020
आपको बता दें कि भारतीय सेना के सात कमान हैं, जिनमें 6 क्रियाशील कमान (कमांड) और 1 प्रशिक्षण कमांड है. हरेक कमान का प्रमुख जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ होता है जोकि एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है. इन्हें थ्री स्टार अधिकारी भी कहा जाता है.ये कमांडर सीधे तौर पर सेना मुख्यालय दिल्ली से जुड़े होते हैं.
भारत और चीन के बीच सोमवार को कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई
इससे पहले LAC पर तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच सोमवार को कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई. चीन क्षेत्र के माल्डो में दोनों सेनाओं के बीच बातचीत हुई. पीपल्स लिबरेशन आर्मी के आग्रह पर बैठक बुलाई गई.
सेना प्रमुख एमएम नरवणे लद्दाख का दौरा करेंगे
बता दें कि LAC पर जारी तनाव के बीच सेना प्रमुख एमएम नरवणे लद्दाख का दौरा करेंगे. यह दौरा जल्द होगा. नरवणे मौजूदा हालातों और सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेंगे. गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने जिस तरह के शौर्य का प्रदर्शन किया है, उससे चीन के होश उड़े हुए हैं. भारतीय सेना के हौंसले बुलंद हैं. सरकार की ओर से तीनो सेनाप्रमुखों को किसी भी हालात से निपटने की खुली छूट दे दी गई है.