श्रीनगर के 15 कोर के मुख्यालय में बुधवार (25 अक्टूबर) को सुरक्षा समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इसमें जम्मू-कश्मीर की सभी सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया. जम्मू-कश्मीर के एलजी के सलाहकार राजीव राय भटनागर और उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी की संयुक्त अध्यक्षता में यह बैठक की गई.


सुरक्षा को लेकर बनाई गई रणनीति


बैठक से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियों ने वर्तमान में हो रहे इजरायल-हमास युद्ध को लेकर जम्मू कश्मीर में सुरक्षा और रणनीति बनाने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, सेना और खुफिया एजेंसियों सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने किसी भी घटना से निपटने को लेकर अपनी रणनीति बताई.


जम्मू-कश्मीर में सर्दी जल्दी आ गई. ऐसे समय में घुसपैठ की कोशिश करने की संभावनाएं बढ़ जाती है. क्योंकि बर्फबारी से पहाड़ी दर्रे बंद होने से पहले आतंकवादी घाटी में दाखिल होना चाहते हैं. 


ये अधिकारी हुए पहुंचे बैठक में


इस बैठक में जम्मू कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति से संबंधित कई पहलुओं पर भी चर्चा की गई. इसमें डीजीपी जम्मू-कश्मीर, चिनार कोर कमांडर और सेना, राज्य प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. अधिकारियों ने सर्दियों के मौसम में सुरक्षा, सीजफायर और घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि को लेकर विचार-विमर्श किया.


जम्मू कश्मीर में सुरक्षा चाक-चौबंद 


जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चाक-चौबंद है. बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा था कि 2023 में सिर्फ 10 स्थानीय युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता चुना. उन्होंने आतंकवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की.


उन्होंने कहा था, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद लगभग समाप्त हो गया है और इसकी बची-खुची जड़ों को भी जल्द ही उखाड़ कर फेंक दिया जाएगा. जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल अब खत्म हो चुका है और सभी उम्र के लोग स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं."


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