Army Day 15th January: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार (15 जनवरी) को सेना दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अद्वितीय साहस और समर्पण की सराहना की. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि भारतीय सेना देश की सुरक्षा के प्रति अपने अडिग साहस और समर्पण के साथ खड़ी है जो हर दिन करोड़ों भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. प्रधानमंत्री ने इस दिन भारतीय सेना के बलिदान को याद करते हुए उनके योगदान को सम्मानित किया.


पीएम मोदी ने ये भी कहा कि उनकी सरकार सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. उन्होंने सरकार की ओर से किए गए सुधारों और आधुनिकीकरण की दिशा की बात करते हुए ये भी बताया कि यह प्रक्रिया फ्यूचर में भी जारी रहेगी. प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को न केवल सीमाओं की सुरक्षा के प्रतीक के रूप में बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय मानवीय सहायता में भी एक कीर्तिमान स्थापित करने वाले संस्थान के रूप में भी सराहा.
 
क्या है सेना दिवस का ऐतिहासिक महत्व?


15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक कारण भी है. 1949 में आज ही के दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर की जगह पर लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ बने थे. बाद में करियप्पा को फील्ड मार्शल का दर्जा दिया गया और तब से हर साल 15 जनवरी को ये दिन भारतीय सेना के साहस और बलिदान के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.


पीएम मोदी ने सेना की वीरता की सराहना की


पीएम मोदी ने भारतीय सेना को दृढ़ संकल्प, पेशेवर अंदाज और समर्पण का प्रतीक करार दिया. भारतीय सेना की भूमिका केवल युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं है बल्कि प्राकृतिक आपदाओं में भी सेना ने मानवता की सेवा में अद्वितीय काम किए हैं. ये सब भारतीय सेना की बहादुरी और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसे हम हर साल सेना दिवस पर सम्मानित करते हैं.


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