नई दिल्ली: रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने का कहना है कि सेना के अधिकारी 'युद्ध जैसे' क्षेत्र में निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं. यह बात जेटली ने कश्मीर में पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल के तौर पर एक व्यक्ति को जीप के आगे बांधने वाले मेजर को लेकर उठे विवाद पर कही.


जेटली ने मेजर लीतुल गोगोई के कदम का विशेष जिक्र किए बिना कहा, ‘‘सैन्य समाधान सैन्य अधिकारी मुहैया कराते हैं. युद्ध जैसे क्षेत्र में जब आप हों तो स्थितियों से कैसे निपटा जाए, हमें अपने सैन्य अधिकारियों को निर्णय लेने की अनुमति देनी चाहिए.’’


उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें सांसदों से विचार विमर्श करने की आवश्यकता नहीं है कि उन्हें इस प्रकार की परिस्थितियों में क्या करना चाहिए.’’ रक्षा मंत्री का यह बयान सेना के नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी चौकियों पर गोलाबारी की बात का खुलासा करने के एक दिन बाद आया है.


भारतीय आर्मी ने कल कहा था कि उसने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी ठिकानों पर 'दंडात्मक गोलाबारी' की जिससे पाकिस्तान को कुछ नुकसान पहुंचा है. सेना की ओर से यह कार्रवाई उसके दो सैनिकों के सिर काटे जाने के कुछ दिन बाद की गई है. सेना ने सैन्य कार्रवाई का एक वीडियो जारी किया जिसमें वनक्षेत्र में कुछ ढांचों को बार-बार की गई गोलाबारी के कारण नेस्तनाबूद होते दिखाया गया है.