सेना को मजबूती देने के लिए मेगा प्लान, बॉर्डर पर गोला बारूद रखने के लिए बनेंगी चार सुरंग
चारों टनल में 175 से 200 मीट्रिक टन गोलाबारूद रखने की क्षमता होगी. सुरंग बनने के बाद सेना को हर मौसम में सेना को गोलाबारूद मुहैया कराया जा सकेगा. जिस एनएचपीसी के साथ सेना ने करार किया है उसे सुरंद बनाने में महारत हासिल है.
नई दिल्ली: सीमा पर सेना को और मजबूती देनवे के लिए भारत ने बहुत बड़ा प्लान तैयार किया है. सीमा पर दुश्मन के इरादे लगातार नापाक होते जा रहे हैं, दुश्मक के इन्हीं इरादों को भांपते हुए सरकार ने सीमाओं को और मजबूत बनाने की तैयारी की है. जल्द ही सीमा पर सेना के गोला बारूद को रखने के लिए चार सुरंग बनायी जाएंगी.
सीमा पर इस सुरंग निर्माण के लिए भारतीय सेना और एनएचपीसी के बीच करार हुआ है. फिलहाल ये पायलट प्रोजेक्ट है, सुरंग बनने के बाद किसी भी मौसम में हथियार, गोला बारूद, आपात मदद सीधे सेना तक पहुंचाए जा सकते हैं. चारों टनल में 175 से 200 मीट्रिक टन गोलाबारूद रखने की क्षमता होगी. सुरंग बनने के बाद सेना को हर मौसम में सेना को गोलाबारूद मुहैया कराया जा सकेगा.
इस प्रोजेक्ट के तरह पाकिस्तान और चीन दोनों सीमाओं पर सुरंद बनाई जाएंगी. एक एम्यूनेशन डंप भारत पाकिस्तान सीमा पर और तीन भारत चीन सीमा के नज़दीक बनेंगे. इन सुरंगों को बनाने के लिए दो साल का समय तय किया गया है. जानकारी के मुताबिक सेना काफी समय से इन सुरंगों के लिए कोशिश कर रही थी. 27 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक से अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना के भारतीय एम्युनेशन-डंप पर हमला करने के बाद इस प्रोजेक्ट में आई तेजी. इन सुरंग के चलते दुश्मन के गोलीबारी और सीधे हमले से बचाव होगा, पहाड़ों के अंदर गोलाबारूद सुरक्षित रहेगा. बता दें कि जिस एनएसपीसी के साथ सेना ने करार किया है उसे सुरंद बनाने में महारत हासिल है.