कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सेना तैयार कर रही है पांच और कोरांटीन फैसिलिटी
चेन्नई कोलकता सिकंदाराबाद जैसलमेर और सूरतगढ़ में बनेंगी ये फैसिलिटी. 1500 संदिग्ध लोगों को रखा जा सकेगा इन सेंटर्स मेंपहले से ही सेना का एक मानेसर और दिल्ली में आईटीबीपी का चल रहा है आईसोलेशल सेंटरसेना के मिलिट्री हॉस्पिटल्स में भी बनाए जाएंगे आईसोलेशन वार्ड
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के फैलते खतरे को देखते हुए सेना ने पांच और 'कोरांटीन-फैसिलिटी' बनाने का प्लान तैयार कर लिया है. ये आईसोलेशन-वार्ड देश के अलग-अलग हिस्सों में बनाए जाएंगे जहां पर करीब 1500 संदिग्ध लोगों को रखने की व्यवस्था होगी. सेना पहले ही से राजधानी दिल्ली के करीब मानेसर में एक ऐसा ही कोरांटीन-सेंटर चला रही है.
सेना के मुताबिक, ये कोरांटीन (या क्वारंटाइन) फैसिलिटी चेन्नई, कोलकता, हैदराबाद के करीब सिंकदाराबाद और राजस्थान के जैसलमेर और सूरतगढ़ में तैयार किए जा रहे हैं. सेना के मुताबिक, ये सभी कोरांटीन-फैसिलिटी सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.
इन कोरांटीन फैसिलिटी में कोराना वायरस से ग्रस्त संदिग्ध लोगों को रखा जाता है. अगर 14 दिन तक वे निगेटिव पाए जाते हैं तो उन्हें वापस उनके घर भेज दिया जाता है. लेकिन अगर पॉजिटिव पाया जाता है तो उन्हें कोराना वायरस के लिए निश्चित किए गए विशेष अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया जाता है.
फिलहाल देश में दो इस तरह के कोरांटीन फैसिलिटी हैं जिसमें से एक मानेसर में है जिसे सेना चला रही है और दूसरा दिल्ली के छावला इलाके में है जिसे आईटीबीपी ओपरेट करती है. चीन में कोराना वायरस के फैलने के बाद वुहान से जो भारतीय नागरिक और कुछ मित्र देशों के नागरिक दिल्ली लाए गए थे उन्हें इन दोनों फैसिलिटी में रखा गया था.
इसके अलावा जापान के डायमंड प्रिसेज़ जहाज से जिन 119 भारतीय और दूसरे देशों के नागरिकों को भारत लाया गया था वे फिलहाल मानेसर सेंटर मे है. आईटीबीपी के सेंटर में भी फिलहाल 112 लोग रखे गए हैं जो चीन से लौटे थे. बुधवार को ही इटली के उस 24 सदस्य ग्रुप को यहां से बाहर भेज दिया गया जिनमें 14 इतालवी नागरिकों में कोराना वायरस के पॉजिटिव लक्षण पाए गए थे.
आईटीबीपी के प्रवक्ता, विवेक पांडेय के मुताबिक, इन कोरांटीन फैसिलिटी में ये सभी संदिग्ध लोगों को बेहद ही एहितयात के तौर पर डाक्टर्स की कड़ी निगरानी में रखा जाता है. कोई भी सदस्य एक दूसरे से एक से दो मीटर के दायरे में नहीं आता है. एक दूसरे के बेड पर नहीं बैठ सकता है. सभी के खाने पीने के बर्तन और वॉटर कूलर भी अलग अलग हैं. कोई भी एक दूसरा का सामान नहीं छू सकता है. उनकी देखभाल करने वाले डॉक्टर्स तक हजमत-ड्रेस और खास गोग्लस पहनकर रखते हैं. फैसिलिटी में इस्तेमाल किए जाने वाला ज्यादातर सामान डिस्पोजेबल है यानि एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है या नष्ट कर दिया जाता है.
इस बीच खबरे आई है कि सेना ने अपनी सभी फोर्मेशन्स और यूनिट्स को आदेश दिया है कि जबतक कोरोना वायरस का असर खत्म नहीं होता तबतक होली या कोई दूसरा त्यौहार ना मनाएं. साथ ही कोई बड़ा आयोजन ना करें जिसमें सैनिक या उनके परिवार इकठ्ठा हों. हरेक मिलिट्री हॉस्पिटल में आईसोलेशन वार्ड बनाने के आदेश दिए गए है ताकि कोरोना वायरस की चपेट में आए संदिग्ध लोगों को इनमें रखा जा सके और दूसरे लोगों तक ना फैले. सैनिकों को खरीददारी के लिए छावनी और कैंट में बने शांपिग-सेंटर से ही करने की हिदायत दी गई है. कैंट और छावनी से बाहर भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से मना किया गया है. यहां तक की बड़े सैन्य अधिकारियों को जबतक बहुत ज्यादा जरूरत ना हो विदेश यात्रा पर ना जाने का आदेश दिया गया है.