हिमाचल प्रदेश: हिमस्खलन में फंसे जवानों का 4 दिन बाद भी कोई अता-पता नहीं
पश्चिमी कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल पीएम बाली ने शनिवार को मौके का दौरा किया और कहा कि लापता सैन्यकर्मियों की तलाश के लिए हर कोशिश की जा रही है.
शिमला: हिमाचल प्रदेश में चीन-भारत सीमा पर स्थित शिपकी ला सीमा चौकी के पास तीन दिन पहले हुए हिमस्खलन की एक घटना में फंसे थल सेना के पांच जवानों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
एक जवान का पार्थिव शरीर उसी दिन बरामद कर लिया गया
बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे राज्य के कन्नौर जिले में यह घटना हुई थी. इसमें सेना की 7 जेएके राइफल्स के छह जवान, हिमाचल प्रदेश से चार, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर से एक - एक हिमस्खलन में दफन हो गए. हालांकि हवलदार राकेश कुमार नाम के सिर्फ एक जवान का पार्थिव शरीर उसी दिन बरामद कर लिया गया जबकि पांच अन्य का अब भी कोई अता-पता नहीं है.
कुत्तों और चट्टानों में छेद करने वाली मशीनों की ली जा रही है मदद
किन्नौर जिला जन संपर्क अधिकारी ममता नेगी ने बताया कि सेना के 220 और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 30 जवानों ने शनिवार शाम सात बजे से तलाश अभियान फिर से शुरू किया है. वहीं, एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि तलाश कार्य में प्रशिक्षित कुत्तों और चट्टानों में छेद करने वाली मशीनों की भी मदद ली जा रही है .
पश्चिमी कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल पीएम बाली ने शनिवार को मौके का दौरा किया और कहा कि लापता सैन्यकर्मियों की तलाश के लिए हर कोशिश की जा रही है.
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