नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल के तुरंत बाद कैप्टन तानिया ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की. अपने परिवार में चौथी पीढ़ी की आर्मी ऑफिसर कैप्टन तानिया के मुताबिक, वे बचपन से अपने परिवार में सभी को सेना की वर्दी पहने देखते आई थीं. यही वजह है कि उनका सपना था कि वे भी किसी दिन सेना की ये वर्दी पहनें. इसके लिए उन्होनें जी तोड़ कोशिश की और इंजीनियरिंग करने के बाद सेना में कमीशंड ऑफिसर बन गईं.


आपको बता दें कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड में देश की ताकत तो दिखाई पड़ेगी ही साथ ही कैप्टन तानिया शेरगिल का भी खास आकर्षण हैं. हालांकि महिला ऑफिसर पहले भी गणतंत्र दिवस परेड में मार्चपास्ट में शामिल हुई हैं, लेकिन चौथी पीढ़ी की सैन्य अधिकारी होने के चलते वे देशभर में चर्चा का विषय बन गई हैं. उनके पिता सेना में आर्टिलरी (तोपखाने के) ऑफिसर थे और उन्होंने रिटायरमेंट के बाद सीआरपीएफ में अपनी सेवाएं दी थीं. उनके दादा आर्मर्ड (टैंक रेजीमेंट) में अधिकारी थे. जबकि उनके परदादा सिख रेजीमेंट में थे. ऐसा शायद पहली बार देखने को आया है कि कोई महिला अधिकारी भारतीय सेना में फोर्थ जेनरेशन आर्मी ऑफिसर हैं.


कैप्टन तानिया शेरगिल सेना में सिग्नल कोर की अधिकारी हैं. एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होनें बताया कि निकट भविष्य में लड़ाईयां युद्ध के मैदान से ज्यादा हाइब्रिड वॉरफेयर (साइबर, कम्युनिकेशन, स्पेस वॉरफेयर इत्यादि) होने वाली हैं, ऐसे में सेना की सिग्नल कोर का रोल बेहद महत्वपूर्ण है.


इस साल गणतंत्र दिवस परेड में कैप्टन तानिया सिग्नल कोर की टुकड़ी का नेतृत्व भी कर रही हैं. पहली बार सिग्नल कोर का मार्चिंग दस्ता राजपथ पर कदमताल करते दिखेगा. सेना दिवस के मौके पर भी कैप्टन तानिया सैन्य परेड की एडज्युटेंट थी और सबसे आगे दिखाई दी थीं.


फुल ड्रेस रिहर्सल के बाद इस साल गणतंत्र दिवस परेड में देश की सैन्य ताकत के बारे में जानकारी देते हुए मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इस साल राजपथ पर एंटी-सैटेलाइट मिसाइल दिखाई देगी. जिसका पिछले साल ही डीआरडीओ ने परीक्षण किया था. इसके साथ-साथ के9वज्र, धनुष तोपें और टी-90 टैंक दिखाई देंगे. वायुसेना की ताकत फ्लाई पास्ट में दिखाई पड़ेगी. जिसमें पहली बार चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर्स के साथ साथ सुखोई, मिग29 और जगुआर फाइटर जेट्स दिखाई देंगे.


साथ ही मेजर जनरल कक्कड़ ने बताया कि पहली बार देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और तीनों सेनाओं के प्रमुख परेड शुरू होने से पहले नेशनल वॉर मेमोरियल (राष्ट्रीय समर स्मारक) पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. पिछले साल तक अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती आई थी. लेकिन पिछले साल फरवरी में राष्ट्रीय समर स्मारक बनने के बाद से अब शहीदों का श्रद्धांजलि स्थल यही बन गया है.


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