तमिलनाडु में पिटाई से सैनिक की मौत, बीजेपी चीफ अन्नामलाई DMK पर भड़के, कहा- 'जवानों का सम्मान नहीं करते'
Tamil Nadu Soldier Death: बीती 8 फरवरी को एक विवाद में मारपीट के बाद 28 वर्षीय सैनिक की मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले में डीएमके पार्षद समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.
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K Annamalai Slams DMK: भारतीय सेना के एक जवान की मौत के सिलसिले में डीएमके पार्षद की गिरफ्तारी के बाद तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने सत्तारूढ़ राज्य की स्टालिन सरकार पर निशाना साधा है. अन्नामलाई ने इसे डीएमके की अंसवेदनशीलता बताते हुए कहा कि तमिलनाडु में सैनिकों को सम्मान नहीं दिया जाता है और उन्हें "एलियन" के रूप में देखा जाता है.
तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख ने कहा कि एक तमिल के रूप में इस घटना से उनका सिर झुक गया है. इंडिया टुडे से बात करते हुए अन्नामलाई ने कहा, एक व्यक्ति जो हमारे देश की सेवा कर रहा था, उसे मौत के घाट उतार दिया गया. एक तमिल के रूप में मेरा सिर शर्म से झुक गया है.
क्या था मामला?
बीती 8 फरवरी को पोचमपल्ली इलाके में एक पानी की टंकी के पास कपड़े धोने को लेकर विवाद हुआ था. 28 वर्षीय सैनिक प्रभु का परिवार वहां कपड़े धो रहा था. इस दौरान डीएमके पार्षद चिन्नास्वामी का भतीजा भी वहां था. उसने प्रभु के परिवार को वहां से जाने के लिए कहा, जिसे लेकर तीखी कहासुनी हुई थी. उसी रात डीएमके नेता और पार्षद चिन्नास्वामी ने अपने गुर्गों के साथ प्रभु के परिवार पर हमला बोल दिया था.
हमले में गंभीर रूप से घायल प्रभु की 14 फरवरी (मंगलवार) को एक निजी अस्पातल में मौत हो गई थी. प्रभु के परिवार का आरोप है कि चिन्नास्वामी ने तलवार से हमला किया था. पुलिस ने मामले में चिन्नास्वामी समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.
'डीएमके सेना के जवानों का सम्मान नहीं करती'
बीजेपी नेता ने डीएमके की मानसिकता की आलोचना करते हुए कहा कि वे द्रविड़िस्तान के बारे में एक अलग राज्य की मांग करते हैं. इसलिए उनके स्वभाव में वर्दी के लिए सम्मान, सेना के जवानों के लिए सम्मान कभी नहीं था. सरकार जिस बेशर्मी से आरोपियों का बचाव कर रही है, उसने ये साफ दिखा दिया है.
अन्नामलाई ने कहा, यह घटना 8 फरवरी को हुई थी अब राष्ट्रीय मीडिया में मामला सामने आने के बाद छह-सात दिनों के बाद स्थानीय पुलिस को उस पार्षद को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
पुलिस की बताई गलती
अन्नामलाई ने कहा, 'इस मामले में स्थानीय पुलिस की भी गलती है, क्योंकि डीएमके कैसी पार्टी है, हम सभी जानते हैं. स्थानीय पुलिस के लिए वर्दीधारी अपने भाइयों की तरह होते हैं, लेकिन उन्होंने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया. दुर्भाग्य से तमिलनाडु में लंबे समय से चली आ रही द्रविड़ राजनीति में, जवानों को ‘एलियंस’ के रूप में देखा जाता है. जो कोई देश की रक्षा कर रहा है, उसे हमारे बीच का नहीं समझा जाता है.
उन्होंने आगे कहा "तमिलनाडु में सैनिक सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. कोई भी जनप्रतिनिधि है, चाहे वह कुछ भी करे. एक पार्टी के रूप में डीएमके उनकी रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करती है, लेकिन यह बेहद शर्मनाक है.”
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