Indian Army: हनीट्रैप में फंसकर सेना की सीक्रेट जानकारी शेयर करने वाला जवान गिरफ्तार
महिला आईएसआई एजेंट ने उनको अपने प्रेमजाल में फंसाकर शादी करने का झांसा दिया. उसने खुद को ग्वालियर की रहने वाली और बैंगलोर में एमएनएस में कार्यरत होना बताया. दोनों व्हाट्सअप के जरिए बातचीत करते थे.
Army Personnel From Jodhpur Regiment Honey Trapped: जोधपुर (Jodhpur) में सेना की एक सामरिक महत्व की रेजिमेंट में काम करने वाले 24 वर्षीय प्रदीप कुमार हनीट्रेप (Honey Trap) का शिकार हो गए. एक महिला आईएसआई एजेंट ने उनको अपने प्रेमजाल में फंसाकर शादी करने का झांसा दिया. उसने खुद को ग्वालियर मध्यप्रदेश की रहने वाली और बैंगलोर में एमएनएस में होना बताया. दोनों व्हाट्सअप चैट, वॉइस कॉल और वीडियो कॉल में एक दूसरे से बातचीत करते थे.
इसकी भनक जब स्टेट आईबी को लगी तो प्रदीप पर निगाह रखी जाने लगी. इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि प्रदीप कुमार सोशल मीडिया के माध्यम से पीआईओ (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) से संपर्क में हैं. सीआईडी इंटेलीजेंस जयपुर ने तभी से इस जवान की गतिविधी पर लगातार निगरानी रखनी शुरू कर दी.
व्हाट्सअप के जरिए मंगाए संसेटिव डॉक्युमेंट
इस एजेंट ने जवान से दिल्ली आकर मिलने और शादी करने का झांसा देकर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज और फोटोग्राफ्स मंगाने शुरू कर दिए. जिस पर जवान ने हनीट्रैप में फंसकर अपने कार्यालय से सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज की फोटो चोरी छिपे अपने मोबाइल से क्लिक कर वाट्सएप के जरिये महिला एजेंट को भेजने शुरू कर दिए.
पहले से ही खुफिया एजेंसी के रडार में आ चुका प्रदीप कुमार महिला एजेंट से सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर संपर्क में हैं. सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा कर रहे हैं, इस सैन्यकर्मी पर कार्यवाही करते हुए 18 मई दोपहर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की.
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदीप मूलत उत्तराखंड के रुड़की के रहने वाले हैं. वह 3 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे. ट्रेनिंग के बाद आरोपी की पोस्टिंग गनर के पद पर हुई. जिसके बाद जवान की पोस्टिंग संवेदनशील रेजिमेंट जोधपुर में हुई. अभी के 6-7 महीने पहले आरोपी के मोबाइल पर एक महिला का कॉल आया जिसके बाद दोनों के बीच बातचीत होने लगी.
जवान के फोन की जांच में सबूत की पुष्टि होने के बाद उनके खिलाफ ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट 1923 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. प्रदीप ने बताया कि एजेंट के कहने पर उसने उपयोग में ली जा रही एक सिम के मोबाइल नंबर और वाटस्एप के लिये ओटीपी भी शेयर की जिससे उस नंबर से वो महिला एजेंट अन्य नाम का उपयोग कर सेना के अन्य जवानों को अपना शिकार बना सके.
मुंबई में अब भी सक्रिय है डी-गैंग, विदेश में बैठा दाऊद इस तरह चला रहा गिरोह