Army Recruitment: सेना (Indian Army) में भर्ती के लिए देश के नौजवानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. सरकार जल्द ही सेना में रुकी हुई भर्ती को खोलने जा रही है. लेकिन इस बार भर्ती के लिए सरकार एक नए रिक्रूटमेंट प्लान (Recruitment Plan) पर काम कर रही है. ये योजना 'अग्निपथ' के नाम से जानी जाएगी और इसमें सैनिकों को महज चार साल में ही सेना में नौकरी करने का विकल्प दिया जाएगा. माना जा रहा है कि बुधवार यानि 8 जून को अगर कैबिनेट इस योजना को हरी झंडी दे देती है तो इसे जल्द ही देश में लागू कर दिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स इन दिनों सेना में भर्ती के लिए नई योजना पर काम कर रहा है. पिछले हफ्ते इस प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर देश के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रखा गया था. सरकार की तरफ से प्लान को स्वीकार कर लिया गया है. ऐसे में अगर पीएम के नेतृत्व वाली कैबिनेट में इसे पास कर दिया गया तो सेना में भर्ती जल्द शुरू हो सकती हैं. नई भर्ती योजना को 'अग्निपथ' के नाम से जाना जाएगा और इसके तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को 'अग्निवीर' का नाम दिया जा सकता है.
कितने सालों से रुकी हुई है सेना की भर्ती?
आपको बता दें कि पिछले दो साल से सेना की भर्ती रुकी हुई है. इसी साल के शुरुआत में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद में एक सवाल के जवाब में लिखित जवाब दिया था कि कोरोना महामारी के चलते सेना की रिक्रूटमेंट रैलियों पर रोक लगी हुई है. इसके अलावा वायुसेना और नौसेना की भर्तियों पर रोक लगी हुई है.
हालांकि, ऑफिसर रैंक की परीक्षाओं और कमीशनिंग पर कोई असर नहीं पड़ा है. लेकिन सैनिकों की भर्ती रुकने से देश के युवाओं में रोष है और इसको लेकर वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी रैलियों में भी अपना विरोध जता चुके हैं. सोशल मीडिया पर भी कई बार रिक्रूटमेंट रैलियां ना होने के चलते कई बार कैंपेन हो चुका है.
नई भर्ती के लिए क्या होंगे नियम?
क्योंकि इस भर्ती योजना को शीर्ष नेतृत्व की देखरेख में तैयार किया जा रहा है इसलिए आधिकारिक तौर से रक्षा मंत्रालय में कोई इस पर खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन जो जानकारी छन-छन कर सामने आ रही है उसके मुताबिक नई रिक्रूटमेंट योजना में ये सब पहली बार होने जा रहा है...
- सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी.
- चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाए जा सकती हैं. बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा.
- चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी.
- खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजिमेंट में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा.
- योजना को अगर जल्द हरी झंडी मिल जाती है तो इस साल अगस्त के महीने से सेना (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरू हो जाएंगी.
दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने दिया था आइडिया
आपको बता दें कि तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) सेना (Indian Army) के अधिकारियों के लिए टूर ऑफ ड्यूटी (Tour Of Duty) प्लान पर काम कर रहे थे जिसके तहत सेना में अधिकारियों को मात्र तीन साल के लिए सेवाएं देनी थी. लेकिन जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश (General Bipin Rawat Helicopter Crashes) में हुई मौत के बाद से ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी. लेकिन सरकार अब अधिकारियों के साथ-साथ सैनिकों के पदों के लिए भी इसी तर्ज पर 'अग्निवीर' योजना को लाने का प्लान तैयार कर रही है.