नई दिल्ली: सीबीआई की ओर से सेना भर्ती घोटाले के सिलसिले में कई जगहों पर छापेमारी की गई है. वहीं इस मामले में सीबीआई की ओर से 17 आर्मी अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है. वहीं छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं.


सीबीआई ने बताया कि सेना भर्ती घोटाला मामले के संबंध में तलाशी अभियान चलाया गया. सेना भर्ती घोटाला केस में लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार, सिपाही आदि सहित 17 सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) के माध्यम से अधिकारियों और अन्य रैंकों की भर्ती में रिश्वत और अनियमितताओं से संबंधित आरोपों पर 6 निजी व्यक्ति और अन्य पर भी केस दर्ज किया गया है.


सीबीआई ने कहा कि आज 30 जगहों पर छापेमारी की गई. इनमें बेस अस्पताल, छावनी, सेना के अन्य प्रतिष्ठानों, कपूरथला, भठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुवाहाटी, जोरहाट सहित 30 स्थानों पर छापेमारी की गई. वहीं सेना भर्ती घोटाले में 30 स्थानों पर की गई सीबीआई की छापेमारी के दौरान कई भ्रामक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. वहीं सीबीआई की छापेमारी अभी भी की जा रही है.


30 जगहों पर छापेमारी


सेना में हुए भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई ने आज देश के विभिन्न राज्यों में 30 स्थानों पर छापेमारी की. सेना मुख्यालय ने इस मामले में खुद सीबीआई को लिखित में शिकायत दी थी और सेना मुख्यालय के जरिए दी गई शिकायत में उसके अपने लेफ्टिनेंट कर्नल और मेजर स्तर की अधिकारियों के नामों के अलावा ऐसे अधिकारियों और उनके परिजनों के नाम भी शामिल किए, जिन्होंने इस भर्ती कांड में पैसा लिया था. दिलचस्प यह है कि यह घूस नगद के अलावा चेक के जरिए भी दी गई थी. साथ ही बैंक से बैंक में पैसा भी ट्रांसफर किया गया था.


रिश्वत दी


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सेना मुख्यालय के सतर्कता विभाग के जरिए यह शिकायत सीबीआई को दी गई थी. सीबीआई ने शिकायत के आधार पर आज दिल्ली, हरियाणा के कैथल, पलवल... उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बरेली, गोरखपुर... राजस्थान के जयपुर... असम के गुवाहाटी, जोरहाट आदि जगहों पर लगभग 30 स्थानों पर छापेमारी की गई. सीबीआई का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान अनेक अहम दस्तावेज और इस भर्ती घोटाले से जुड़े अहम तथ्य बरामद हुए हैं. दिलचस्प है कि सेना की अपनी जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आए हैं की सेना में मौजूद हवलदार और लेफ्टिनेंट स्तर के अधिकारी ने भर्ती के लिए रिश्वत दी.


जांच में हुए कई खुलासे


सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक सीबीआई को शिकायत दिए जाने के पहले सेना ने अपने स्तर पर इस पूरे मामले की जांच की थी और अपनी इस जांच के दौरान सेना ने भी यह पाया था कि इस भर्ती घोटाले में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल मेजर स्तर के अनेक अधिकारी शामिल हैं. साथ ही इन अधिकारियों के परिजनों के जरिए भी रिश्वत की रकम ली गई थी. सेना को अपनी जांच के दौरान पता चला था कि रिश्वत की रकम नगदी के अलावा बैंक चेक के जरिए भी दी गई थी और कुछ मामलों में तो बैंक से बैंक रकम ट्रांसफर की गई थी.


इनके हैं नाम


सेना मुख्यालय की शिकायत के आधार पर सीबीआई की एफआईआर में जिन बड़े अधिकारियों के नाम शामिल हैं उनमें मेजर भावेश कुमार, लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल वाई एस चौहान, लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा, लेफ्टिनेंट कर्नल विनय, लेफ्टिनेंट नवजोत सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान, नायब सूबेदार कुलदीप सिंह, कैडेट हेमंत डागर, कैडेट इंद्रजीत, हवलदार पवन कुमार, सिपाही रोहित कुमार, हवलदार राजेश कुमार, हवलदार हरपाल सिंह के अलावा मेजर भावेश कुमार की पत्नी देवयानी, उनके पिता सुरेंद्र कुमार, उनकी मां उषा कुमावत, लेफ्टिनेंट कर्नल सुरेंद्र सिंह के ब्रदर इन लॉ भूपेंद्र बजाज आदि के नाम शामिल हैं. सीबीआई की एफआईआर में कुल 22 लोगों के नाम है और इसके अलावा अन्य अज्ञात लोगों के नाम भी शामिल किए गए हैं.


कई अहम पदों पर हैं तैनात


सेना के जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम शामिल किए गए हैं, वह विभिन्न जगहों पर अहम पदों पर तैनात हैं. मसलन मेजर भावेश कुमार सेना की भर्ती शाखा में ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर एसएसबी सिलेक्शन सेंटर नॉर्थ कपूरथला में तैनात हैं जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल सुखदेव अरोड़ा महानिदेशक भर्ती नई दिल्ली कार्यालय में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात हैं. आरोप के मुताबिक इन लोगों ने भर्ती में आए अलग-अलग लोगों से रिश्वत की रकम ली थी. सीबीआई ने अब आपराधिक षड्यंत्र समेत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की है और मामले की जांच जारी है.


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