जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ, डिपार्मेंट ऑफ मिलिट्री एफेयरर्स इन दिनों सेना में भर्ती के लिए नई योजना पर काम कर रहा है. माना जा रहा है कि जल्द ही इस प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर देश के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रखा जाएगा. हरी झंडी मिलने पर इस योजना को अमली-जामा पहनाया जाएगा. सेना में नई भर्ती योजना को 'अग्निपथ' के नाम से जाना जा सकता है. सैनिकों को 'अग्निवीर' का नाम दिया जा सकता है.
वायुसेना और नौसेना की भर्तियों पर रोक
आपका बता दें कि पिछले दो साल से सेना की भर्ती रुकी हुई है. इसी साल के शुरुआत में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद में एक सवाल के जवाब में लिखित जवाब दिया था कि कोरोना महामारी के चलते सेना की रिक्रूटमेंट रैलियों पर रोक लगी हुई है. इसके अलावा वायुसेना और नौसेना की भर्तियों पर रोक लगी हुई है. हालांकि, ऑफिसर रैंक की परीक्षाओं और कमीशनिंग पर कोई असर नहीं पड़ा है. लेकिन सैनिकों की भर्ती रुकने से देश के युवाओं में रोष है और इसको लेकर वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी रैलियों में भी अपना विरोध जता चुके हैं. सोशल मीडिया पर भी कई बार रिक्रूटमेंट रैलियां ना होने के चलते कई बार कैंपन हो चुका है.
क्योंकि इस भर्ती योजना को शीर्ष नेतृत्व की देख-रेख में तैयार किया जा रहा है इसलिए आधिकारिक तौर से रक्षा मंत्रालय में कोई इस पर खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन जो जानकारी छन-छनकर सामने आ रही है उसके मुताबिक नई रिक्रूटमेंट योजना में ये सब पहली बार होने जा रहा है.
1. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी.
2. चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाई जा सकती हैं. बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा.
3. चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.
4. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी.
5. खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजीमेंट्स में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा.
6. योजना को अगर जल्द हरी झंडी मिल जाती है तो इस साल अगस्त के महीने से सेना (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरु हो जाएंगी.
आपको बता दें कि तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत सेना के अधिकारियों के लिए टूर ऑफ ड्यूटी प्लान पर काम कर रहे थे जिसके तहत सेना में अधिकारिओं को मात्र तीन साल के लिए सेवाएं देनी थी. लेकिन जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद से ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी. लेकिन सरकार अब अधिकारियों के साथ-साथ सैनिकों के पदों के लिए भी इसी तर्ज पर 'अग्निवीर' योजना को लाने का प्लान तैयार कर रही है.
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