पाकिस्तान खुफिया एजेंसी को डाटा भेजने के आरोप में सेना का एक जवान हिरासत में लिया गया, जांच जारी
पाकिस्तान खुफिया एजेंसी को डाटा भेजने के मामले में एक छुट्टी पर गए सैनिक को हिरासत में लिया गया है. सेना जवान से कड़ी पूछताछ करने में जुटी है.
भारतीय सेना की उधमपुर स्थित उत्तरी कमान से संवदेनशील डाटा लीक मामले में छुट्टी पर गए एक सैनिक को हिरासत में लिया गया है. सेना अपने जवान से कड़ी पूछताछ में जुटी है. जानकारी के मुताबिक, बेहद संवेदनशील डाटा तो लीक नहीं हुआ है लेकिन सेना इस बात की जांच में जुटी है कि आखिर उत्तरी कमान जैसी सुरक्षित बेस से डाटा लीक कैसे हो पाया.
उधमपुर स्थित सेना पर एलओसी की रक्षा-सुरक्षा की जिम्मेदारी है
सूत्रों के मुताबिक, हालांकि अभी तक की जानकारी में ये बात सामने आई है कि संदिग्ध जवान ने संवेदनशील डाटा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजा है लेकिन उत्तरी कमान से डाटा लीक होना एक बेहद ही गंभीर विषय है. जम्मू-कश्मीर के उधमपुर स्थित सेना की उत्तरी कमान पर पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी, सियाचिन, करगिल और कश्मीर घाटी से सटी एलओसी की रक्षा-सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
पिछले नौ महीने से एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव के चलते सेना का मूवमेंट और रि-डिप्लोयमेंट की पूरी जानकारी और जिम्मेदारी इसी उत्तरी कमान के पास है. ऐसे में डाटा लीक होना बेहद संवदेनशील मुद्दा है. उत्तरी कमान ने ही उरी हमले के बाद एलओसी के दूसरी तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल-स्ट्राइक की थी.
पाकिस्तान एजेंसी को इटंरनेट पर साझा कर रहा था संवेदनशील जानकारी
आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अलर्ट पर सेना ने छुट्टी पर गए एक संदिग्ध जवान के बारे में अलर्ट जारी किया था. उत्तरी कमान में तैनात ये जवान छुट्टी के दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को संवदेनशील जानकारी इटंरनेट पर साझा कर रहा था. संदिग्ध जवान पर आरोप है कि उसने छुट्टी पर जाने से पहले उत्तरी कमान के कम्पूयटर से डाटा चोरी किया और फिर छुट्टी के दौरान पाकिस्तान भेज रहा था.
सूत्रों के मुताबिक, हालांकि, ये मामला भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की बातचीत और युद्धविराम समझौते से पहले का है, लेकिन अगर आरोप सही पाए गए तो संदिग्ध जवान के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी.
मामले की जांच जारी है
आपको बता दें कि हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई भारतीय सैनिकों को सोशल मीडिया या फिर हनी-ट्रैप के जरिए अपने जाल में फंसाती है और फिर पैसों या फिर किसी और लालच में उनसे भारतीय सेना से जुड़ी अहम जानकारी हासिल करती है. इन जानकारियों में सेना की मूवमेंट, तैनाती और फौजी नक्शे शामिल होते हैं. सेना के उच्चपदस्थ सूत्रो ने एबीपी न्यूज को बताया कि मामले की जांच पूरी होने के बाद ही आधिकारिक तौर से कोई जानकारी मीडिया से साझा की जाएगी.
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