(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सेना के सूत्रों ने कहा- डेमचोक में चीनी टेंट की खबर दो साल पुरानी, राहुल गांधी ने सरकार पर बोला था हमला
एक टॉप मिलिट्री कमांडर ने एबीपी न्यूज से अनौपचारिक बातचीत में साफ तौर से कहा है कि देश की सेना मीडिया में छपी हर (गलत) खबर पर ना तो 'रिज्वाइंडर' जारी कर सकती है और ना सफाई पेश कर सकती है.
नई दिल्ली: भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच इसी हफ्ते डिसइंगेजमेंट के अगले दौर के लिए बातचीत होने जा रही है. भारतीय सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात की जानकारी एबीपी न्यूज को दी है. मीटिंग के दौरान पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी से दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने से लेकर विवादित इलाकों में डिएसक्लेशन को लेकर भी बातचीत होने की संभावना है.
भारतीय सेना के टॉप सूत्रों ने एबीपी न्यूज को ये भी बताया कि पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में जो चीनी टेंट की खबर सामने आई है, वो करीब दो साल पुराने हैं. दो साल पहले चीन के कुछ नागरिकों ने एलएसी के करीब तीन टेंट लगा लिए थे. एक अंग्रेजी अखबार में डेमचोक पर छपी खबर को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार की चीन नीति को लेकर जबरदस्त खिंचाई की है.
देश के एक टॉप मिलिट्री कमांडर ने एबीपी न्यूज से अनौपचारिक बातचीत में साफ तौर से कहा है कि देश की सेना मीडिया में छपी हर (गलत) खबर पर ना तो 'रिज्वाइंडर' जारी कर सकती है और ना सफाई पेश कर सकती है. अगर सेना किसी खबर को लेकर स्पष्टीकरण नहीं देती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि वो सही है.
दरअसल, भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख का डेमचोक इलाका भी काफी लंबे से विवाद का मुद्दा रहा है. इसी साल तिब्बत के सबसे बड़े धार्मिक-गुरू, दलाई लामा के जन्मदिन के अवसर पर जब डेमचोक में भारतीय नागरिक एक कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे, तब चीन के कुछ नागरिकों और सैनिकों ने विरोध जताते हुए बैनर दिखाए थे. भारत और चीन के सैन्य कमांडर्स के बीच होने वाली मीटिंग में डेमचोक का मुद्द भी रहने वाला है. इसके अलावा डेपसांग प्लेन, गोगरा और हॉट-स्प्रिंग जैसे विवादित मुद्दे पर रहेंगे.
आपको बता दें कि इसी साल फरवरी के महीने में भारत और चीन के बीच पहले दौर का डिसइंगेजमेंट करार हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों की सेनाओं ने पैंगोंग-त्सो लेक के उत्तर यानि फिंगर एरिया और दक्षिण में कैलाश हिल रेंज को पूरी तरह से खाली कर अपनी अपनी सेनाओं को पीछे भेज दिया था. लेकिन पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर अभी भी कई ऐसे विवादित इलाके हैं जहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बना हुआ है.