नई दिल्ली में रह रहे 20 सदस्यीय विदेशी राजनयिक बुधवार यानी 17 फरवरी से 2 दिवसीय जम्मू कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में मुख्य तौर पर अफ्रीकन, मध्य-पूर्व और यूरोपीय देशों के विदेशी राजनयिक शामिल रहेंगे. जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को 5 अगस्त 2019 को खत्म किए जाने के बाद विदेशी राजनयिकों का वहां पर चौथी बार यह दौरा होगा.


यूरोपीय देशों के प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर 2019 में दो दिवसीय कश्मीर का दौरा किया था. इसके बाद पिछले साल 9 जनवरी को नई दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत समेत 16 विदेशी राजनयिकों ने वहां का दौरा किया था.





विदेशी राजनयिकों के एक 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 12 फरवरी 2020 को भी कश्मीर का दौरा किया था. इस प्रतिनिधिमंडल में जर्मनी, कनाडा, फ्रांस और अफगानिस्तान के राजनयिक शामिल थे. भारत के शीर्ष राजनयिक विदेश मंत्रालय से विकास स्वरूप ने उस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की थी, जो जम्मू कश्मीर में नौकरशाहों और सुरक्षा प्रतिष्ठानों और कई सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी.


जम्मू कश्मीर में जिला स्तर पर डीडीसी के हालिया चुनावों के बाद 17 फरवरी को होने वाला विदेशी राजनयिकों का यह दौरा अगस्त 2019 में धारा 370 और 35A हटाने के बाद किए गए बदलावों को दिखाने का मौका होगा. इसे जनवरी 2021 में सँयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता संभालने के बाद की जा रही बड़ी भारत की बड़ी कूटनीतिक कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है.


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