नई दिल्ली: कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस का संक्रमण भी बड़ी मुसीबत बन गया है. राजधानी दिल्ली में भी ब्लैक फंगस के मामले बीते कुछ दिनों में तेज़ी से बढ़े हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि इस समय दिल्ली में ब्लैक फंगस से संक्रमित करीब 600 मरीज़ों का इलाज किया जा रहा है जिसमें दिल्ली और दिल्ली के बाहर के मरीज़ भी शामिल हैं.
ब्लैक फंगस के दो तिहाई केस दिल्ली के और एक तिहाई बाहर के-
सत्येन्द्र जैन ने कहा कि दिल्ली में 23 मई को करीब 200 केस ब्लैक फंगस के थे. कुल मिलाकर 600 के करीब केस ब्लैक फंगस के अभी तक आ चुके हैं दिल्ली में जिसमें दिल्ली के और दिल्ली के बाहर के लोग भी शामिल हैं. बीते 2 दिन में केस 100 से कम केस प्रतिदिन आये हैं, इससे पहले 200 से ज़्यादा केस थे. बीते 2 दिन में करीब 70 केस प्रतिदिन आये हैं, जिसमें से दो तिहाई केस दिल्ली के हैं और एक तिहाई बाहर के.
इंजेक्शन की कमी बड़ी समस्या-
ब्लैक फंगस के इलाज के लिए ज़रूरी इंजेक्शन की किल्लत पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इंजेक्शन का कोटा केंद्र सरकार ने तय किया हुआ है. उसके हिसाब से दिल्ली को जो कोटा मिल रहा है वो बहुत कम है. दिल्ली में केस काफी ज्यादा हैं और इस दवाई की बहुत किल्लत है. हम अपील करेंगे कि ज़्यादा से ज़्यादा इंजेक्शन मुहैया करायें. एक मरीज़ को रोज़ करीब 6 इंजेक्शन लगते हैं तो हमें कल 370 इंजेक्शन मिले तो इसमें 50-60 लोगों को ही लग पायेगा. दिल्ली के कई अस्पतालों में प्राइवेट और गवर्नमेंट दोनों में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है. बस इंजेक्शन की समस्या बहुत बड़ी है क्योंकि ये बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं हैं.
दिल्ली में ब्लैक फंगस के केस किस तरह के मरीजों में ज़्यादा पाये गये हैं इस पर जवाब देते हुए सत्येन्द्र जैन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि स्टेरॉयड, कोरोना और डायबिटीज सब होना चाहिए. अगर आप डायबिटिक हैं और कोरोना है, स्टेरॉयड नहीं भी दिया तो भी आप रिस्क पर हैं. स्टेरॉयड देने से दो चीज़ें होती हैं शुगर लेवल बढ़ जाता है और इम्युनिटी कम होती है. स्टेरॉयड देने से दोनों चीजों का रिस्क बढ़ जाता है. जितने भी केस आ रहे हैं मेरी जानकारी में उन सभी को कोरोना हुआ है. कोरोना के बाद अगर किसी की शुगर ज़्यादा है और स्टेरॉयड नहीं भी दिया है तो भी रिस्क है.
कोरोना काल में मोहल्ला क्लिनिक ने की बहुत बड़ी सेवा-
दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक पर विपक्ष द्वारा सवाल खड़े किए जाने पर स्वास्थ्य मन्त्रिने कहा कि लॉकडाउन होने की वजह से निर्माण कार्य रुक गया. बहुत सारे मोहल्ला क्लिनिक हैं जिनका काम रुक गया है. 450 मोहल्ला क्लिनिक जो हमारे तैयार हैं वो पूरी तरह से चल रहे हैं. कई लोग कहते हैं कि मोहल्ला क्लिनिक में कितने मरीज़ों को एडमिट किया गया. सबको पता है कि वो ओपीडी है जिसमें एडमिशन नहीं होते. कोरोना काल मे सबसे ज़्यादा मोहल्ला क्लिनिक में मरीज़ इलाज के लिए गए क्योंकि ज़्यादातर लोगों को बुखार होता था और वो मोहल्ला क्लिनिक में जाते थे. उन्हें टेस्ट के लिए कहा जाता है. बहुत बड़ी सेवा मोहल्ला क्लिनिक ने की है और अभी भी काम कर रहे हैं. लगभग सारे मोहल्ला क्लिनिक चल रहे हैं 10-15 को छोड़कर इनमे से कई ऐसे भी हैं जहां डॉक्टर खुद संक्रमित हो गए उसकी वजह से थोड़े दिनों के लिये बन्द हो सकता है.
वैक्सीन का ग्लोबल टेंडर मज़ाक सा हो गया है-
दिल्ली में वैक्सीनेशन प्रोग्राम की ताजा स्तिथि पर बात करते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा कि युवाओं के वैक्सीनेशन के जो सेंटर हैं वो बिल्कुल बन्द हो चुके हैं दिल्ली में. वैक्सीन नहीं है, केंद्र सरकार से अपील की है कि वैक्सीन का जल्द से जल्द इंतज़ाम किया जाए. ग्लोबल टेंडर तो मज़ाक सा हो गया है. सारा कंट्रोल केंद्र सरकार का है. भारत मे मैन्युफैक्चरर को अनुमति नहीं है. सिर्फ को-वैक्सीन कोवीशील्ड और स्पुतनिक को अनुमति मिली है भारत मे. 2-3 कंपनियों जैसे फाइजर मोडेरना ने हमसे भी कह दिया कि केंद्र से बात करेंगे, ये आ भी जाएं तो ऑथराइज़्ड तो हैं नहीं. ये ज़िम्मेदारी को दूसरी ओर शिफ्ट करने वाली बात है कि आपने ग्लोबल टेंडर नहीं दिया तो पहले कैसे दे रहे थे बिना ग्लोबल टेंडर के.
दिल्ली में अब कोरोना थोड़ा कंट्रोल में है-
दिल्ली में कोरोना की ताज़ा स्तिथि पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कल 1568 पॉजिटिव केस आये थे और पॉजिटिविटी दर 2.14% थी. पॉजिटिविटी धीरे-धीरे कम हो रही है और केस की संख्या भी पहले से कम है, लॉकडाउन का असर दिखाई दे रहा है. हॉस्पिटल में बेड्स काफी संख्या में खाली हैं और ICU बेड्स 2900 खालीं हैं 6800 में से. दिल्ली में इस समय लग रहा है कि कोरोना थोड़ा कंट्रोल में है.