नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई. शुरुआत तो सम्मान और स्वागत से हुई, लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोलना शुरू किया तो सभी सन्न रह गए. पीएम मोदी ने बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय के व्यवहार को अस्वीकार्य बताया. पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.


पीएम मोदी ने आकाश के पिता कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में कहा, ''ये क्या हो रहा है, जिसके मन में जो आ रहा है कर रहा है और फिर उसको समर्थन किया जा रहा है. किसी का बेटा हो, सांसद का बेटा हो या मंत्री का बेटा हो, ये कहा जा रहा है पहले निवेदन, फिर आवेदन फिर दनादन, कैसी भाषा है ये?'' पीएम यहीं नहीं ठहरे, वे इस बात से भी खफा थे कि जेल से छूटकर आने के बाद आकाश विजयवर्गीय को सम्मानित किया गया.


पीएम मोदी ने कहा, "क्या होगा अगर एक विधायक कम हो जाएगा? उस इकाई को भंग कर देना चाहिए जो स्वागत सत्कार कर रही है. ये अहंकार, ये घमंड, ये दुर्व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता है, अनुशासनहीनता बर्दास्त नहीं की जानी चाहिए."


पीएम को गुस्सा क्यों आया?
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने गए नगर निगम के एक अधिकारी को बैट से पीट दिया था. यही नहीं बाद में आकाश ने इसे सही ठहराते हुए कहा था कि हमारा काम करने का तरीका है पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दे दनादन. पूरी घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.


विधायक बेटे को लेकर बोले कैलाश विजयवर्गीय- ‘आकाश कच्चे खिलाड़ी, अधिकारियों को भी समझना चाहिए’


26 जून की इस घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उन्हें भोपाल की एक विशेष अदालत से जमानत मिल गई. 30 जून को जेल से निकलने के बाद आकाश विजयवर्गीय का स्वागत किया गया. मिठाईयां बांटी गई, हर्ष फायरिंग तक की गई.