Sri Sri Ravi Shankar Condolences On Maulana Rabey Hasani Nadwi Demise: आध्यात्मिक गुरु और 'आर्ट ऑफ लिविंग' फाउंडेशन के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने मौलाना राबे हसनी नदवी के निधन के पर शोक जताया है और श्रद्धांजलि अर्पित की है. रविशंकर के बेंगलुरु स्थित कार्यालय की ओर से एक संदेश जारी कर कहा गया, ''मौलाना राबे हसनी नदवी एक महान विद्वान ही नहीं, बल्कि समाज के एक ऐसे रहनुमा थे जिन्होंने अपनी उदारता और मैत्री भाव से सबका दिल जीत लिया. सब धर्मों के लोगों के साथ उनका स्नेहपूर्वक व्यवहार अनुकरणीय है. ईश्वर उनके परिवार और प्रियजनों को धैर्य और शक्ति दे.''
नदवी ने 93 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस
बता दें कि मौलाना राबे हसनी नदवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष थे. गुरुवार (13 अप्रैल) को नदवी का देहांत हो गया. वह 94 वर्ष के थे. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के डालीगंज स्थित नदवा मदरसे में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. नदवी लंबे वक्त से अस्वस्थ चल रहे थे.
कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
नदवी के निधन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती ने श्रद्धांजलि अर्पित की. देश में मुस्लिमों के सबसे बड़े संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मौलाना नदवी की शख्सियत, विश्वास, काम और धर्म को लेकर ज्ञान अपने आप में मिसाल है.
इस्लामी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधक मौलाना अब्दुल कासिम नोमानी ने कहा कि मौलाना नदवी का दुनिया से जाना मुस्लिम जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि मौलाना नदवी महान इस्लामी बुद्धिजीवी और आलिम थे. उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है. उनकी सेवाओं के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.
यूपी सरकार के मंत्री ने दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने नदवा जाकर मौलाना नदवी को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने हमेशा मुस्लिम कौम की शिक्षा के लिए काम किया. मानवता के प्रति उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
दुनिया की प्रभावशाली मुस्लिम हस्तियों में थी मौलाना नदवी की गिनती
मौलाना नदवी लखनऊ स्थित दारुल उलूम नदवतुल उलमा के अध्यक्ष भी थे, जोकि इस्लामी शिक्षा के लिए एक महत्पूर्ण केंद्र माना जाता है. दुनिया के 500 प्रभावशाली मुस्लिमों में नदवी की गिनती थी. नदवी का जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 1 अक्टूबर 1929 को हुआ था. 1949 में वह दारुल उलूम नदवतुल उलमा में बतौर शिक्षक नियुक्त हुए थे. वह अरबी भाषा के विद्वान थे, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका था.
1993 में उन्हें दारुल उलूम नदवतुल उलमा का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया था, वहीं, 1999 में उन्हें चांसलर नियुक्त किया गया. जून 2002 में हैदराबाद में हजरत मौलाना काजी मुजाहिदुल इस्लाम कासमी (रहमतुल्लाह अली) के निधन के बाद नदवी को सर्वसम्मति से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया था.