कश्मीर में भेजी जाएंगी सुरक्षाबलों की 100 से ज्यादा टुकड़ियां, जरूरी दवाई-खाने का सामान जमा करने के भी आदेश
जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35 A पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. इसके समर्थन में होने वाले प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां का आतंकियों और उसके समर्थकों के खिलाफ एक्शन जारी है. इस बीच सोमवार को कश्मीर को विशेष पहचान देने वाले अनुच्छेद 34A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इसके समर्थन में जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन होते रहे हैं. सुनवाई को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. साथ ही केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों की 120 कंपनियां जम्मू-कश्मीर भेजी है. एक कंपनी में 100 जवान होते हैं.
कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है. कल शाम को जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में लिया गया. पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर भीषण आतंकवादी हमले के आठ दिन बाद यह कार्रवाई हुई है.
Jammu Kashmir Liberation Front Chief Yasin Malik was detained from his residence in Srinagar last night, ahead of hearing on Article 35A in Supreme Court which is likely to take place on Monday. pic.twitter.com/S8c9QFhG1e
— ANI (@ANI) February 23, 2019
हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर PDP नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गिरफ्तारियों का विरोध किया है. उन्होंने कहा, ''पिछले 24 घंटों में, हुर्रियत नेताओं, जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. किस कानूनी आधार के तहत उनकी गिरफ्तारी जायज है? आप किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि उसके विचारों को कैद कर सकते हैं.''
In the past 24 hours, Hurriyat leaders & workers of Jamaat organisation have been arrested. Fail to understand such an arbitrary move which will only precipitate matters in J&K. Under what legal grounds are their arrests justified? You can imprison a person but not his ideas.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 23, 2019
हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. हमले के बाद 20 से अधिक अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ले ली गई है. इनमें अललगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, मीरवाइज उमर फारूक और शबीर अहमद शामिल हैं.
क्या है 35A? अनुच्छेद 35A प्रावधान जम्मू कश्मीर के बाहर के व्यक्ति को जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्ति खरीदने से प्रतिबंधित करते हैं. इस प्रावधान को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इसी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जम्मू-कश्मीर की ज्यादातर पार्टियां अनुच्छेद 35A के पक्ष में है. अनुच्छेद 35A अनुच्छेद 370 से ही जुड़ा है.
जानिए क्या है जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संविधान के अनुच्छेद 35A