कश्मीर में अनुच्छेद 35ए पर घमासान, फारुख अब्दुल्ला ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 पर अगर केंद्र सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो हम केवल पंचायत चुनाव ही नहीं लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए पर घमासान जारी है. पंचायत और निकाय चुनावों का बहिष्कार करने के फैसेले के बाद अब नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने कहा है अगर केंद्र की मोदी सरकार ने अनुच्छेद 35ए पर रुख स्पष्ट नहीं किया तो हम लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे.
अब्दुल्ला ने कहा, ''अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 पर अगर केंद्र सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो हम केवल पंचायत चुनाव ही नहीं लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार करेंगे.''
We will not only boycott Panchayat elections but also Lok Sabha & Assembly elections if the Centre doesn't clear its stand on Article 35A and Article 370: Farooq Abdullah speaking at an event in Srinagar pic.twitter.com/PowoLkHuQK
— ANI (@ANI) September 8, 2018
आपको बता दें कि पांच सितंबर को फारूख अब्दुल्ला ने एलान किया था कि उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी. उन्होंने कहा था, "हमारी पार्टी नगरपालिका और पंचायत चुनाव में तब तक हिस्सा नहीं लेगी जब तक केंद्र निवासियों (जम्मू-कश्मीर) को विशेषाधिकार प्रदान करने वाले अनुच्छेद 35 ए पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करेगी और इसकी रक्षा के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाएगी."
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नेशनल कांफ्रेंस के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने भी चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया था. पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए पर अपना रुख स्पष्ट करे.
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को अनुच्छेद 35 ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी क्योंकि केंद्र ने सरकार से मामले पर जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव होने के बाद विचार करने की मांग की थी. आठ चरणों में होने वाला चुनाव दिसंबर में पूरा होगा.
आपको बता दें कि साल 1954 में राष्ट्रपति के एक आदेश के बाद संविधान में यह अनुच्छेद जोड़ा गया था, जो जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार प्रदान करता है, और राज्य विधानसभा को कोई भी कानून बनाने का अधिकार देता है, जिसकी वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकती.
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यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को छोड़कर बाकी भारतीय नागरिकों को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने, सरकारी नौकरी पाने और राज्य सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ लेने से रोकता है.