‘कश्मीरी अब किसी के हुक्म से नहीं बंधा’, आर्टिकल 370 हटने के 4 साल पूरे होने पर LG मनोज सिन्हा ने बताया राज्य में कितना हुआ विकास
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि राज्य से आर्टिकल 370 हटने के बाद अब आम कश्मीरी आजादी की जिंदगी जी रहा है और किसी के हुक्म से बंधा हुआ नहीं है.
4 Years Of Abrogation Article 370: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए हुए 4 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार (04 जुलाई) को कहा कि सड़क पर होने वाली हिंसा में कमी आई है, आतंकवादियों की ओर से बंद का आह्वान अब प्रभावी नहीं है, स्कूल और कॉलेज साल भर काम करते हैं और परियोजनाएं समय पर पूरी होती हैं.
इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “सबसे बड़ी बात ये है कि अब एक आम कश्मीरी किसी के हुक्म से बंधा हुआ नहीं है. एक समय था जब लोग सूर्यास्त से पहले अपने घर पहुंचने की कोशिश किया करते थे और अब श्रीनगर शहर में लोग देर रात तक बाहर रहते हैं.”
‘…इन चीजों से मिला छुटकारा’
तीन साल पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल का पद संभालने वाले मनोज सिन्हा का कहना है, “यहां पर 1.8 करोड़ पर्यटक आए हैं तो रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं. कोई भी प्रोजेक्ट या काम शुरू होगा तो ये एक या दो साल में पूरा हो जाना चाहिए. ऐसे कामों में पांच साल लगते थे और उसकी कोई जवाबदेही भी नहीं होती थी. आम आदमी सबसे ज्यादा मुश्किल में था जिससे अब उन्हें छुटकारा मिल गया है.”
‘राज्य में तेजी से हो रहा विकास’
उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश ने बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में भी तेजी से प्रगति की है. उन्होंने कहा, “बुनियादी ढांचे के साथ 1.50 लाख करोड़ की राजमार्ग और सुरंग परियोजनाएं चल रही हैं. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के मामले में हम देश में तीसरे नंबर पर हैं. हम हर दिन 20 किलोमीटर सड़क बना रहे हैं.”
उन्होंने ये भी बताया कि निर्माणाधीन पांच नई बिजली परियोजनाओं के साथ जम्मू-कश्मीर अपनी वर्तमान उत्पादन क्षमता 3450 मेगावाट में 3200 मेगावाट और जोड़ देगा.
जम्मू-कश्मीर में प्राइवेट सेक्टर का निवेश
राज्य में निजी क्षेत्र के निवेश पर मनोज सिन्हा ने कहा कि साल 2021 की नई औद्योगिक योजना से पहले जम्मू-कश्मीर में लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. वो कहते हैं, “हमें नई योजना के तहत 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव मिले. मैं बहुत ही जिम्मेदारी से बताता हूं कि जमीन पर 27 हजार करोड़ रुपये का काम किए जा रहे हैं. कुछ प्रोडक्शन में है, कुछ में महीनों लग सकते हैं तो कुछ में एक आध साल लग जाएगा. चुनौती तो जमीन ढूंढ़ने की थी.”
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पर एलजी
उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि यह सच है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2019 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार परिसीमन, विधानसभा चुनाव और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा, इसका रोडमैप रखा था.
उन्होंने कहा, “मतदाता सूची अब पूरी हो चुकी है. चुनाव आयोग चुनावों पर फैसला करेगा और जब भी फैसला करेगा जम्मू-कश्मीर प्रशासन इसके लिए तैयार रहेगा.” उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अपने निर्धारित समय पर हों.
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