जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर SC ने नहीं दिया कोई आदेश, 16 सितंबर को सुनवाई
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायालय से कहा कि जम्मू कश्मीर में पाबंदियों पर धीरे धीरे ढील दी जा रही है. 80 फीसदी लैंडलाइन चालू किए जा चुके हैं. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि इलाज में दिक्कत की शिकायत झूठी है.
नई दिल्ली: आर्टिकल 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आज कोई आदेश देने से मना कर दिया. अब इन याचिकाओं पर अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने कहा कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किये जाने के एक महीने बाद भी पत्रकारों को राज्य में स्वतंत्र रूप से आने जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
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हालांकि, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कश्मीर टाइम्स के संपादकों ने अपना अखबार प्रकाशित नहीं करने का निर्णय लिया है. केन्द्र ने पीठ को बताया कि श्रीनगर से अनेक समाचार पत्र प्रकाशित हो रहे हैं.
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायालय से कहा कि जम्मू कश्मीर में पाबंदियों पर धीरे धीरे ढील दी जा रही है. 80 फीसदी लैंडलाइन चालू किए जा चुके हैं. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि इलाज में दिक्कत की शिकायत झूठी है. इस दौरान 7 लाख से ज़्यादा लोग अस्पताल पहुंचे. 4 हज़ार से ज़्यादा लोगों की बड़ी और 40 हज़ार से ज़्यादा छोटी सर्जरी हुईं हैं.
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