P Chidambaram On Article 370: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटे 4 साल हो चुके हैं. अनुच्छेद 370 निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ के मौके पर पीडीपी के कई नेताओं को कथित तौर पर हिरासत में ले लिया गया और पार्टी चीफ महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया. मामले पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर सरकार पर हमला किया है.


उन्होंने कहा, “सरकार और जम्मू-कश्मीर के एलजी अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य (अब यूटी) में आई "शांति" का जश्न मना रहे हैं. मैं राष्ट्रपति कैनेडी को उद्धृत करना चाहता हूं जिन्होंने "कब्र की शांति और गुलाम की चुप्पी" के खिलाफ चेतावनी दी थी.’


‘घाटी में शांति है तो...’


कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “अगर जम्मू-कश्मीर में इतनी शांति है तो सरकार ने सुश्री महबूबा मुफ़्ती को घर में नज़रबंद क्यों कर दिया है और पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यालयों को सील कर दिया है? पूरे भारत में स्वतंत्रता का दमन किया जाता है लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसका सबसे अधिक दमन किया जाता है.”






पीडीपी करना चाहती थी रैली


दरअसल, पीडीपी श्रीनगर में एक रैली आयोजित करना चाहती थी, जिसकी इजाजत डीजीपी ने नहीं दी. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने शुक्रवार को कहा कि श्रीनगर प्रशासन ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की चौथी वर्षगांठ पर पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.


महबूबा महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा, “जम्मू-कश्मीर पुलिस 5 अगस्त की पूर्व संध्या पर पीडीपी नेताओं को हिरासत में क्यों ले रही है? इस वीडियो में आरिफ लैगरू को पुलिस ले गई है.’ वीडियो में कथित तौर पर एक पीडीपी नेता को पुलिस वाहन में ले जाते हुए दिखाया गया है.


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई


वहीं दूसरी ओर चार साल बाद, सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दूसरे दिन गुरुवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पूछा कि संविधान सभा की अनुपस्थिति में प्रावधान को कैसे रद्द किया जा सकता है? मामले में सुनवाई 8 अगस्त को फिर शुरू होगी.


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