...अगर मुझे फांसी पर भी चढ़ा दिया गया तो भी हमारा संकल्प नहीं बदलेगा- फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 बहाल किए जाने की मांग करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी. चाहे फारूक अब्दुल्ला जिंदा रहे या मर जाए.
श्रीनगर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के कोष में कथित गबन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आज पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ की. इसे नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राजनीतिक साजिश बताया है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ''यह सवाल कई सालों से चल रहा है, यह कोई नई बात नहीं है. मैं कुछ कहने वाला नहीं हूं. कोर्ट तय करेगा कि क्या किया जाना है. मैं चिंतित नहीं हूँ.''
उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर कहा, ''हमारी लड़ाई जारी रहेगी. चाहे फारूक अब्दुल्ला जिंदा रहे या नहीं. चाहे मंच पर रहे या नहीं रहे. अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रहेगी. चाहे मैं फांसी पर चढ़ा दिया जाऊं.''
We have a long way to go, a long political battle that will continue whether Farooq Abdullah is alive or dead, on the stage or not on the stage. Our fight is for restoration of Article 370 & our resolve will never change even if I've to be hanged: Farooq Abdullah, former J&K CM pic.twitter.com/H3fOiC0LOv
— ANI (@ANI) October 19, 2020
बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का एलान किया था. हाल ही में इसे हटाने की मांग करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस महबूबा मुफ्ती की पीडीपी साथ आई है. ‘गुपकार घोषणा’ के तहत ‘पीपुल्स अलायंस’ के गठन की घोषणा की गई है.
पूछताछ का मामला
सीबीआई ने 2002 से 2011 के बीच भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा खेल को बढ़ावा देने के लिये जेकेसीए को दिये गए अनुदान में से 43.69 करोड़ रुपये के गबन के मामले में अब्दुल्ला, खान, मिर्जा के अलावा मीर मंजूर गजनफर अली, बशीर अहमद मिसगार और गुलजार अहमद बेग (जेकेसीए के पूर्व अकाउंटेंट) के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
ईडी ने कहा कि उसकी जांच में सामने आया है कि जेकेसीए को वित्त वर्षों 2005-2006 और 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान तीन अलग-अलग बैंक खातों के जरिये बीसीसीआई से 94.06 करोड़ रुपये मिले. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर यह मामला दर्ज किया है.