आर्टिकल 370 पर सुनवाई से पहले महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल, हलफनामे को बताया गैरकानूनी
Article 370 Hearing: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आर्टिकल 370 को हटाना अवैध और असंवैधानिक है. उन्होंने केंद्र सरकार के हलफनामे को लेकर सवाल उठाए हैं.
Article 370 Hearing: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है. इस सुनवाई से पहले केंद्र सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष रखा गया है. अब इसे लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. महबूबा के अलावा पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी हलफनामे पर केंद्र की आलोचना की. जिसमें उन्होंने कहा कि इसमें तर्क का अभाव है और इसका कोई कानूनी महत्व नहीं है.
महबूबा ने लगाए आरोप
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 पर होने वाली सुनवाई से ठीक पहले एक ट्वीट में कहा, ‘‘केंद्र के बचाव में तर्क का अभाव है...अनुच्छेद 370 को हटाना अवैध और असंवैधानिक है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों को गारंटी देने वाले भारतीय संविधान को नष्ट करने के लिए बहुमत का दुरुपयोग किया गया और भारत सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय के उन पूर्ववर्ती फैसलों का भी उल्लंघन किया, जिसमें कहा गया था कि केवल जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ही भारत के राष्ट्रपति को अनुच्छेद 370 को हटाने की सिफारिश कर सकती है.’’
उमर अब्दुल्ला ने भी उठाए सवाल
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी ट्विटर पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से दी गई दलीलें राजनीतिक हैं और उनमें कानूनी वैधता की कोई गुंजाइश नहीं है. संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने का बचाव करते हुए केंद्र ने सोमवार 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह कदम उठाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के पूरे क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व’ शांति, प्रगति और समृद्धि देखने को मिली है. केंद्र ने कहा कि आतंकवादियों की सड़कों पर की जाने वाली हिंसा और अलगाववादी नेटवर्क अब ‘अतीत की बात’ हो चुकी है.
केंद्र के हलफनामे पर आज 11 जुलाई को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट की ये बेंच जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
(इनपुट- भाषा से भी)
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