श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार का सचिवालय और अन्य दफ्तर आज खुलेंगे. जबकि आमजन पर लगे प्रतिबंधों में ढील नमाज के बाद की स्थिति पर निर्भर करेगी. पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में प्रतिबंध लगाए गए हैं. जम्मू में स्थिति करीब-करीब सामान्य है.


राजभवन ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में गुरुवार शाम सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद सरकारी सचिवालय और अन्य कार्यालयों में सामान्य कामकाज बहाल किए जाने का निर्देश दिया. प्रवक्ता ने बताया कि सरकार जुम्मे की नमाज के दौरान हालात पर नजर रखेगी और इसी के आधार पर आम लोगों के लिए भी प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार किया जाएगा.


फोन सेवा बहाल करने पर आज होगा फैसला
सरकार के सूत्र ने कहा कि सुरक्षा की समीक्षा के बाद सरकार शनिवार से कश्मीर घाटी में चरणबद्ध तरीके से लैंडलाइन फोन शुरू कर सकती है. आज शाम सुरक्षा को लेकर अहम बैठक होगी. जिसके बाद फोन सेवा बहाल किए जाने पर फैसला लिया जाएगा. घाटी में पिछले पांच दिनों में कोई हिंसा नहीं हुई है.


UNSC की बैठक आज


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के भारत के कदम पर शुक्रवार को एक बैठक करेगी। राजनयिकों ने बताया कि बैठक शुक्रवार सुबह बंद कमरे में होगी। सुरक्षा परिषद सदस्य देशों की यह अनौपचारिक बैठक न्यूयॉर्क समयानुसार सुबह 10 बजे यानी भारतीय समयानुसार करीब साढ़े 7 बजे शुरू होगी. ध्यान रहे कि यह एक अनौपचारिक बैठक है जिसमें सदस्य देश अपनी राय रखेंगे. साथ ही यह भी आकलन होगा कि क्या इस मामले पर सुरक्षा परिषद की औपचारिक बैठक बुलाई जाने की गुंजाइश व ज़रूरत है अथवा नहीं.


अनौपचारिक राय-मशविरे से ज़्यादा कुछ नहीं है कश्मीर मुद्दे पर आज हो रही UNSC की बैठक


राजभवन का दावा
राजभवन के प्रवक्ता ने कहा, ''स्वतंत्रता दिवस पर कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिन्होंने समारोह में खलल डालने की किसी भी कोशिश को नाकाम कर दिया." उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने प्रतिबंधों के दौरान लोगों को सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि इसे धीरे-धीरे कम किया जाएगा.


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राज्यपाल ने अमरनाथ यात्रा के समापन की भी समीक्षा की, जो गुरुवार को अमरनाथ गुफा मंदिर में भगवान शिव की पूजा के बाद औपचारिक रूप से बंद कर दी गई थी. उन्होंने कहा, ''इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई थी और यहां तक कि 30 दिनों की छोटी अवधि में, 3.30 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे.''